menu-icon
India Daily

17 साल बाद भारत की जेल से रिहा हुआ पाकिस्तानी कैदी, 7 फरवरी को अटारी बॉर्डर से PAK जाएगा मसरूफ

17 सालों से भारत की जेल में बंद एक पाकिस्तानी कैदी अब अपने मुल्क जाएगा. वह भारत की जेल से रिहा हो चुका है. 6 फरवरी को राजधानी दिल्ली में कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी. इसके बाद 7 फरवरी को उसे बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान को सौंपा जाएगा.

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
Pakistani prisoner mohammed masroof imprisoned in Indian jail for 17 years released go Pakistan on 7
Courtesy: Social Media

भारत की जेल से 17 साल बाद पाकिस्तान के एक कैदी, मोहम्मद मसरूफ, जिसे गुड्डू के नाम से भी जाना जाता है, को रिहा किया गया है. 7 फरवरी को वह अटारी बॉर्डर के माध्यम से पाकिस्तान वापस लौटेंगे. यह प्रक्रिया भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य न्यायिक व्यवस्था के तहत पूरी की गई है.

2008 में हुई थी गिरफ्तारी, 2013 में हुआ था आजीवन कारावास

मोहम्मद मसरूफ, जो पाकिस्तान के कराची शहर का निवासी है, को 2008 में भारतीय पुलिस द्वारा जासूसी, देशद्रोह, धोखाधड़ी और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 2013 में भारतीय अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

2015 में उसे वाराणसी केंद्रीय कारागार भेजा गया था, लेकिन 2019 में उसे गोरखपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उसे कैदियों को भड़काने और विद्रोह की साजिश में शामिल होने के कारण उच्च सुरक्षा बैरक में रखा गया था.

भारतीय सरकार का रिहाई पर निर्णय

मोहम्मद मसरूफ की सजा पूरी होने के बाद, भारतीय सरकार ने उसकी रिहाई का निर्णय लिया. गृह मंत्रालय के अनुसार, जो पाकिस्तानी कैदी रिहा किए जा रहे हैं, उनके खिलाफ कोई लंबित मामले नहीं हैं. रिहाई की प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकारों की मंजूरी के बाद शुरू की गई थी.

इसके साथ ही, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कैदियों को उनके दस्तावेज़ और पहचान पत्र के साथ सुरक्षित रूप से अटारी बॉर्डर तक भेजा जाए.

7 फरवरी को अपने देश जाएगा मसरूफ

5 फरवरी को मोहम्मद मसरूफ को गोरखपुर जेल से दिल्ली भेजा गया. 6 फरवरी को दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास में औपचारिकताएँ पूरी की जाएगी और 7 फरवरी को मोहम्मद मसरूफ को अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले किया जाएगा, यह प्रक्रिया दोपहर 12 बजे पूरी होगी.

17 साल बाद रिहा होने वाले मोहम्मद मसरूफ का भारत से पाकिस्तान लौटना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों और न्यायिक प्रक्रियाओं को लेकर एक उदाहरण प्रस्तुत करता है. यह प्रक्रिया यह भी दर्शाती है कि जब सजा पूरी हो जाती है और सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी हो जाती हैं, तो कैदी को उसके घर वापस भेजा जाता है.