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India Daily

पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तानी पैरा कमांडो, लश्कर ने कश्मीर भेजा

पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी हाशिम मूसा पाकिस्तान के विशेष बलों का पूर्व पैरा कमांडो है. सूत्रों से पता चलता है कि मूसा को गैर-स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Hashim Musa
Courtesy: Social Media

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने नया खुलासा किया है.  जांच से पता चला है कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी हाशिम मूसा पाकिस्तान के विशेष बलों का पूर्व पैरा कमांडो है. सूत्रों से पता चलता है कि मूसा, जो अब लश्कर के साथ है, को गैर-स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था.

हाशिम मूसा, पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों का पूर्व पैरा कमांडो है, आतंकी साजिश की जांच ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मूसा जो अब पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साथ काम कर रहा है को एलईटी के सरगनाओं ने गैर-स्थानीय लोगों के साथ-साथ सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले करने के लिए एक खास मिशन पर कश्मीर भेजा था.

एसएसजी के पैरा-कमांडो

एक अधिकारी ने कहा, यह संभव है कि उसे स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) जैसे पाकिस्तान के विशेष बलों ने एलईटी को उधार दिया हो. एसएसजी के पैरा-कमांडो युद्ध में उच्च प्रशिक्षित होते हैं और गुप्त ऑपरेशन में माहिर होते हैं. गहन और कठोर प्रशिक्षण व्यवस्था रणनीतिक सोच के अलावा शारीरिक कंडीशनिंग और मानसिक फिटनेस पर केंद्रित होती है. एसएसजी कमांडो अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ हाथ से हाथ का मुकाबला करने में माहिर होते हैं और उनके पास उच्च नेविगेशन और उत्तरजीविता कौशल होते हैं.

सदिग्धों से पूछताछ से निकली जानकारी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मूसा की पाकिस्तानी सेना की पृष्ठभूमि पहलगाम हमले की जांच में प्रमुख संदिग्धों के रूप में उभरे 15 कश्मीर ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) से पूछताछ के दौरान पुष्टि हुई है.  पहलगाम आतंकी हमले में ISI की भूमिका के सबूत के रूप में देखा जा रहा है, साथ ही कश्मीर में पहले हुए हमले भी. बाद में अक्टूबर 2024 में गगनगीर, गंदेरबल में हुए आतंकी हमले शामिल हैं, जिसमें 6 गैर-स्थानीय और एक डॉक्टर मारे गए थे, और बूटा पथरी, बारामुल्ला में, जिसमें दो सेना के जवान और दो सेना के कुली मारे गए थे.

मूसा का नाम तीनों हमलों में सामने आया है. पाकिस्तान में प्रशिक्षित दो अन्य स्थानीय आतंकवादी जुनैद अहमद भट और अरबाज मीर भी गगनगीर और बूटा पथरी हमलों में शामिल थे, लेकिन नवंबर और दिसंबर 2024 में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में उन्हें मार गिराया गया था. मूसा तब से कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने के लिए आतंकी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है और बैसरन में 25 पर्यटकों सहित 26 नागरिकों की हत्या करके बड़ा हमला किया.