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India Daily

Pahalgam Terror Attack: एयरस्ट्राइक के डर से पाकिस्तान का धक-धक कर रहा दिल, सियालकोट में रडार सिस्टम एक्टिव

India-Pakistan Diplomatic Tension: पाकिस्तान ने लगातार पांचवें दिन सीजफायर तोड़ा और एलओसी पर फायरिंग की. बिना किसी उकसावे के, पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर सेक्टर्स में गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने जोरदार जवाब दिया.

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Edited By: Ritu Sharma
India-Pakistan Diplomatic Tension
Courtesy: Social Media

India-Pakistan Diplomatic Tension: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन पाकिस्तान अब भी खौफ में जी रहा है. भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. ऐसे में पाकिस्तान ने भारतीय एयरस्ट्राइक से बचाव के लिए सियालकोट सेक्टर में अपने रडार सिस्टम को फॉरवर्ड लोकेशंस पर शिफ्ट कर दिया है.

भारतीय मूवमेंट पर नजर रखने को तैनात किया गया एडवांस्ड सिस्टम

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज ने फिरोजपुर से सटे इलाकों में भारत की किसी भी हरकत को भांपने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी फॉरवर्ड पोस्ट्स पर तैनात कर दिया है. इसके साथ ही, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 58 किलोमीटर दूर स्थित चोर कंटोनमेंट में TPS-77 रडार भी लगा दिया है ताकि किसी भी एयर मूवमेंट को तुरंत डिटेक्ट किया जा सके.

सीजफायर उल्लंघन कर रहा पाकिस्तान, भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब

बता दें कि पाकिस्तान ने लगातार पांचवें दिन बिना किसी उकसावे के एलओसी पर फायरिंग कर सीजफायर का उल्लंघन किया. कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर सेक्टरों में हुई इस गोलीबारी का भारतीय सेना ने जोरदार जवाब दिया और पाकिस्तानी पोस्टों को निशाना बनाया.

पहलगाम हमला के बाद भारत की कड़ी कार्रवाई

बताते चले कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जबकि 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस बर्बर हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए.

इसके अलावा, भारत ने पहली बार 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया. विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, ''यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता.'' यह कदम भारत-पाक संबंधों में एक ऐतिहासिक मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है.