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India Daily

Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी संगठन TRF ने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी, पाकिस्तान से है इसका कनेक्शन

Pahalgam Terrorist Attack: विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद ISI ने TRF जैसा नया नाम सामने लाकर लश्कर-ए-तैयबा की असल पहचान छिपाने की कोशिश की. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद से दूरी दिखाने के लिए TRF का इस्तेमाल किया गया.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Pahalgam Terrorist Attack TRF claims responsibility for terror strike
Courtesy: Social Media

Pahalgam Terrorist Attack: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के बैसारन घास के मैदानों में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.  इस हमले में एक टूरिस्ट की मौत हो गई जबकि 12 से 13 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन "द रेसिस्टेंस फ्रंट" (TRF) ने ली है.

कैसे हुआ हमला?

सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने दोपहर के समय टूरिस्टों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. यह हमला उस वक्त हुआ जब क्षेत्र में पर्यटक बड़ी संख्या में घूमने आए थे. सुरक्षाबलों और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.

हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह से बात की और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने को कहा. इसके बाद अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक कर पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.

TRF का गठन कब और क्यों हुआ?

द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) की स्थापना अक्टूबर 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कुछ ही महीनों बाद हुई थी. इसे लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया और स्थानीय चेहरा माना जाता है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने बनाया था. इसका मकसद था आतंकी गतिविधियों को ‘स्थानीय विद्रोह’ के रूप में पेश करना.

संगठन की संरचना और संचालन

इस संगठन की कमान शेख सज्जाद गुल के हाथों में थी, जो TRF का सुप्रीम कमांडर था. जबकि बसित अहमद डार इसके ऑपरेशनल कमांडर के तौर पर काम करता था. शुरूआत में इसमें लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के आतंकियों को शामिल किया गया था.

केंद्र सरकार ने घोषित किया आतंकी संगठन

जनवरी 2023 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने TRF को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एक आतंकी संगठन घोषित किया. सरकार के अनुसार, यह संगठन सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार फैलाकर हिंसा भड़काने का काम करता है.