Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद देशभर में दहशत और आक्रोश का माहौल है. इस हमले में जान गवानें वाले लोगों के लिए सामूहिक शोक व्यक्त करने और विरोध जताने के लिए आज जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से बंद रहेगा. आज, 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर कुछ भी खुला नहीं रहेगा. पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर को आतंकी हमला हुआ था. इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे.
हमले के एक दिन बाद बुधवार सुबह श्रीनगर की सड़कें सुनसान दिखीं. 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहली बार है जो पूरी तरह से बंद है . 2019 से पहले, बंद के आह्वान आमतौर पर अलगाववादी संगठनों की ओर से आते थे.
कश्मीर बंद और जम्मू बंद नामक इस बंद का आह्वान व्यापार मंडलों, व्यापार निकायों, ट्रांसपोर्टरों, छात्रों और नागरिक समाज द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस , पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अपनी पार्टी ने भी इस बंद का समर्थन किया है. सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोगों से बंद को 'पूरी तरह सफल' बनाने और पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने में शामिल होने की अपील की है.
एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में पार्टी ने लिखा, 'पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर, जेकेएनसी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए बंद के सामूहिक आह्वान में शामिल होती है. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि धार्मिक और सामाजिक नेताओं द्वारा आहूत हड़ताल पूरी तरह सफल हो.'
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की है और बंद का समर्थन करते हुए इसे 'हम सभी पर हमला' बताया है.
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने इस हमले को 'जम्मू-कश्मीर की आत्मा पर हमला' करार दिया है और बंद को अपना समर्थन दिया है. कश्मीर में आज स्कूल भी बंद हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि विश्वविद्यालय खुले हैं, लेकिन सड़कों पर यातायात नहीं है.