Pune Porsche Accident Case: पुणे पोर्श कार हादसे में नया अपडेट सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि हादसे को अंजाम देने वाली कार के कैमरे आरोपी नाबालिग रईसजादे के राज खोलेंगे. पोर्श कंपनी के अधिकारियों और पुणे आरटीओ ऑफिसर ने सोमवार को कार का मुआयना किया था. अफसरों ने ये समझने के लिए कार का मुआयना किया था कि आखिर ऐक्सीडेंट कैसे हुआ?
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पोर्श कार में कैमरे लगे हैं, जिसे कंपनी अधिकारियों और पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है. साथ ही कंपनी के एक्सपर्ट और पुलिस अधिकारी इस बात की जानकारी जुटाने में लगे हैं कि आखिर जब कार ने हादसे को अंजाम दिया, तब उसकी स्पीड कितनी थी? इसके अलावा, इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की जाएगी.
1- कितनी बार कार में ब्रेक लगाया गया
2- कितनी बार एक्सीलेटर दबाया गया
3- क्या ओवरस्पीड की वजह से ही दुर्घटना हुई
4- क्या स्टीयरिंग लॉक हुई थी
5- क्या नियंत्रण खोने की वजह से कार से इतना बड़ा हादसा हो गया?
उधर, पुणे पोर्शे कार ऐक्सिडेंट मामले में ससुन हॉस्पिटल के गिरफ्तार डॉक्टर श्रीहरि हलनोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई है. हलनोर ने पुलिस को इंफेक्शन होने की शिकायत की थी, जिसके बाद चेकअप के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. श्रीहरि हलनोर पर आरोप है कि उन्होंने अपने साथी डॉक्टर अजय तावड़े के कहने पर नाबालिक आरोपी का ब्लड सैंपल बदला था. श्रीहरि हलनोर ससुन हॉस्पिटल में इमरजेंसी विभाग के हेड पोस्ट पर तैनात थे.
पुणे पुलिस सूत्रों की माने तो डॉक्टर हलनोर ने पैसे लेकर न सिर्फ नाबालिग के ब्लड रिपोर्ट को बदला था, बल्कि नाबालिग के पिता और दादा से कमिटमेंट किया था कि उन्हें मेडिकल सबंधित कोई परेशानी नहीं होगी. इसलिए उन्होंने फिजिकल चेकअप में भी आरोपी नाबालिग को क्लीन चिट दी थी.
19 मई की सुबह FIR रजिस्टर होने के बाद जब नाबालिग आरोपी को फिजिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी. डॉक्टरों ने कहा कि नाबालिग शराब के नशे में नहीं था और न ही उसके शरीर पर एक्सीडेंट के कोई निशान मिले हैं. उधर, डॉक्टरों की रिपोर्ट के उलट घटनास्थल पर लोगों ने आरोपी नाबालिग की जमकर पिटाई की थी.
इससे पहले मशहूर उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज कार मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर हादसे की शिकार हुई थी, तब पुलिस ने मामले को समझने के लिए मर्सिडीज कंपनी के एक्सपर्ट को घटनास्थल पर बुलाया था. कंपनी के अधिकारियों ने जांच पड़ताल के बाद कार में लगी चीप को जर्मनी भेज दिया गया था, ताकि हादसे की बारीकियों को समझा जा सके. अब इसी तर्ज पर पुलिस ने पोर्शे कार हादसे में भी कार से डेटा कलेक्ट कर मामले को समझने की कोशिश में जुटी है.