18वीं लोकसभा के विशेष सत्र में संगोल की चर्चा है. गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए संसद पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत सेंगोल से किया गया. संसद में विपक्षी सांसदों के बीच यह सेंगोल एक मुद्दा बन गया. समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग कर दी. अखिलेश यादव ने भी तंज कसा. अब इसपर मायवती की टेक आया है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने संसद भवन में सेंगोल को हटाकर उसके स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित करने की मांग की है. आरके चौधरी ने कहा कि देश संविधान से चलता है राजा के डंडे से नहीं. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए वे सेंगोल को हटाने की मांग करते हैं.
मायावती ने सपा से सवाल करते हुए कहा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती. जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है. इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें.
1. सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
— Mayawati (@Mayawati) June 28, 2024
संसद में सेंगोल चर्चा में है. जब अखिलेश यादव से इसके बारे में पुछा गया तो उन्होंने कहा जब पहली बार सेंगोल लगा था, तो प्रधानमंत्री ने इसे प्रणाम किया था. लेकिन इस बार शपथ के दौरान प्रणाम करना भूल गए, इसी को याद दिलाने के लिए हमारे सांसद ने ये बयान दिया. अखिलेश के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी का जवाब आया है. केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि उन्होंने क्या सोच रखा है कि रोज कुछ ऐसी सेंसेशनल बात बोलनी है कि हम चर्चा में आ जाएं. इन बातों का कोई अर्थ नहीं है. वहीं, अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जब संसद में सेंगोल स्थापित हुआ, तब सपा सांसद कहां थे?