Opposition On President Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदन के संयुक्त सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में मोदी सरकार की कामयाबियों को बताया और भविष्य में होने वाले कामों के बारे में भी बताया. उन्होंने मोदी सरकार की 10 साल की सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही लोकसभा चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे सांसदों को बधाई भी दी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे सरकार भाषण बताया. आइए, जानते हैं कि विपक्ष के किस नेता ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर क्या-क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 49 साल बाद संबोधन में आपातकाल की बात करने का कोई औचित्य नहीं था. उन्हें आज के मुद्दों पर बोलना चाहिए था. हमने NEET परीक्षा या बेरोजगारी के बारे में कुछ नहीं सुना... मणिपुर शब्द राष्ट्रपति मुर्मू या पीएम मोदी के मुंह से नहीं निकला। भारत-चीन सीमा जैसे मुद्दों को संबोधन में उठाया जाना चाहिए था.
#WATCH | On President Droupadi Murmu's address, Congress MP Shashi Tharoor says "There was no logic of talking about Emergency in the address after 49 years. She should have spoken about today's issues. We did not hear anything about the NEET exam or unemployment...The word… pic.twitter.com/dhSmUo5f6M
— ANI (@ANI) June 27, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि ये अब राष्ट्रपति का अभिभाषण नहीं है, ये 10 साल से मोदी का अभिभाषण है. मोदी जी जो चाहेंगे, वह उनके (राष्ट्रपति मुर्मू) भाषण में निकलेगा. ये अल्पमत की सरकार है, मोदी जी पहले ही बहुमत खो चुके हैं, लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं है... 50 साल बाद भी वे आपातकाल की बात कर रहे हैं, इस देश में 10 साल तक आपातकाल रहा है, उसे हटाओ.
#WATCH | Delhi: On President Droupadi Murmu's address, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "This is no longer a Presidential address, this has been the Modi address since 10 years. Whatever Modi ji wants will come out in her speech. It is a minority government, Modi ji has… pic.twitter.com/1t1veZJlxH
— ANI (@ANI) June 27, 2024
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मुझे इसमें सरकार की इच्छाशक्ति की कमी दिख रही है. देश की कोई बात नहीं है. इसमें स्वार्थ है. कुछ भी नया नहीं है, NEET का कोई जिक्र नहीं है. चुनाव किस तरह से कराए गए, इसका कोई जिक्र नहीं है. प्रधानमंत्री को कोई पछतावा नहीं है.
#WATCH | Congress MP Pramod Tiwari says, "I can see the lack of willpower of the government in this. There is no talk of the country or the country's interest in this. There is self-interest in this. Nothing new, no mention of NEET. There is no mention of the way the elections… pic.twitter.com/vcYosNWvSm
— ANI (@ANI) June 27, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पूरे अभिभाषण में अल्पसंख्यकों या बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं था. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कल कहा था कि भारत में हेट स्पीच में वृद्धि हुई है और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है. अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था, यह नई बोतल में पुरानी शराब की तरह था... NEET फिर से होना चाहिए था. हर जगह पेपर लीक हो रहे हैं. वे 25 लाख युवाओं और उनके परिवारों के जीवन के साथ खेल रहे हैं.
#WATCH | Delhi: On President Droupadi Murmu's address, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says "In the entire address, there was no mention of minorities or unemployment. US State Secretary Antony Blinken said yesterday that there has been an increase in hate speech in India and religious… pic.twitter.com/CjhIqq9A0g
— ANI (@ANI) June 27, 2024
संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति सरकार की ओर से लिखा गया भाषण पढ़ते हैं. इसलिए, सरकार की समस्या ये है कि उसे अभी तक ये समझ में नहीं आया है कि वह 303 (सीटों) से घटकर 240 (सीटों) पर आ गई है. उन्होंने राष्ट्रपति के लिए जो भाषण तैयार किया था, वह 303 (सीटों) पर आधारित था. ये अल्पमत की सरकार है, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है.
VIDEO | Here's what TMC MP Mahua Moitra (@MahuaMoitra) said on President Droupadi Murmu's address to joint sitting of Parliament.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 27, 2024
"As per the rules, the President reads the speech written by the government. So, the problem of the government is that it is yet understand that it… pic.twitter.com/crwlHdQONg
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण से उम्मीदें थीं, लेकिन मुझे निराशा हुई. उन्होंने कुछ ऐसी बातें कहीं, जिनकी जरूरत नहीं थी.
#WATCH | On President Droupadi Murmu's address, Congress MP Digvijaya Singh says "We had expectations from the President's address in both Houses of the Parliament but I was disappointed. She spoke on certain things which were not required..." pic.twitter.com/ldqFk8MYPs
— ANI (@ANI) June 27, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक ( नीट यूजी-2024 ) समेत प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं का जिक्र किया और वादा किया कि उनकी सरकार आरोपों की निष्पक्ष जांच करेगी. उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र लीक करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार निष्पक्ष जांच कराने तथा हाल ही में कुछ परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने पहले भी विभिन्न राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाएं देखी हैं, इसलिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी स्तर पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है. संसद ने भी परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ कड़ा कानून बनाया है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं और परीक्षाओं के लिए शुचिता और पारदर्शिता अनिवार्य है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने 1975 में आपातकाल लगाए जाने के विवादास्पद विषय पर भी बात की और कहा कि दो साल की वह अवधि संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और सबसे काला अध्याय था. अपने संबोधन से कुछ समय पहले, राष्ट्रपति का संसद भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत किया.
राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने में सक्षम बनाने के लिए माहौल बनाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यदि किसी कारणवश परीक्षाओं में बाधा उत्पन्न होती है तो यह उचित नहीं है. सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद के सभी सदस्यों को सलाह दी कि वे सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए संसदीय कार्यवाही में बाधा न डालें. उन्होंने कहा कि नीतियों का विरोध करना संसद की कार्यवाही में बाधा डालने से अलग है. सभी सदस्यों के लिए जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए. उन्होंने घोषणा की कि सरकार आगामी बजट के दौरान कई बड़ी घोषणाएं करेगी.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसले होंगे और कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे. लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों की गति बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि निवेश के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. पिछले 10 वर्षों में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, हालांकि ये सामान्य समय नहीं था.
उन्होंने कहा कि ये विकास दर वैश्विक महामारी और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्षों के बावजूद हासिल की गई है. यह पिछले 10 वर्षों के सुधारों का परिणाम है. भारत अकेले वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. मेरी सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है.