One Nation, One Election Bill: ऐसी खबरें आ रही हैं कि शायद केंद्र सरकार आज लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश नहीं करेगी. इस बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 14 दिसंबर को मंजूरी दी गई थी, जिसमें संविधान (129वीं संशोधन) बिल, 2024 और यूनियन टेरिटरी लॉज (संशोधन) बिल, 2024 शामिल हैं. इस बिल के साथ देशभर में एकसाथ चुनाव कराने के रास्ते खुल जाएंगे.
हालांकि, पहले इन बिलों का नाम लोकसभा की 16 दिसंबर की बिजनेस लिस्ट में था, लेकिन बाद में लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड की गई रिवाइज्ड लिस्ट में इन बिलों का नाम नहीं दिखा. सोमवार को जो बिल लोकसभा में पेश किए जाएंगे, उनमें अप्रोप्रिएशन (नंबर 3) बिल, 2024 और गोवा राज्य में अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व के रिएडजस्टमेंट के लिए विधेयक, 2024 शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, सरकार इन बिलों को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करना चाहती थी, जिससे इन्हें आगे की जांच के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) को सौंपा जा सके.
वन नेशन वन इलेक्शन बिल की योजना भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एजेंडे में काफी समय से शामिल रही है. यह योजना लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक ही समय पर कराने की है. केंद्र सरकार के लिए इस योजना को लागू करना एक बड़ा कदम होगा. इसके लिए एक हाई लेवल कमिटी, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी, ने मार्च में अपनी रिपोर्ट दी थी. कमिटी ने कहा था कि अगर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो यह चुनाव का सिस्टम पूरी तरह से बदल सकता है.
कमिटी ने यह भी सिफारिश की थी कि सबसे पहले लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए, जबकि स्थानीय निकाय चुनाव 100 दिनों के अंदर कराए जा सकते हैं. हालांकि, अभी यह सिस्टम लंबित है और इसे लेकर कुछ दिनों में कोई जानकारी सामने आ सकती है.