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भारत के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक, लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश करेगी मोदी सरकार, जानें इसके फायदे

'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक का प्रमुख उद्देश्य पूरे देश में चुनावों को एक साथ कराने की प्रक्रिया को लागू करना है. यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो इससे चुनावी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और खर्चों को कम करने की उम्मीद है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
'One Nation One Election' bill likely to be introduced tomorrow in Lok Sabha

मोदी सरकार कल यानी मंगलवार को ऐतिहासिक 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को लोकसभा में पेश करेगी. इसे आधिकारिक रूप से संविधान (एक सौ उन्नीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 के नाम से जाना जाता है. इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा, राज्य विधानसभा चुनावों और संभावित रूप से स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ आयोजित करने की दिशा में कदम उठाना है.

वन नेशन वन इलेक्शन बिल का उद्देश्य

'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक का प्रमुख उद्देश्य पूरे देश में चुनावों को एक साथ कराने की प्रक्रिया को लागू करना है. यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो इससे चुनावी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और खर्चों को कम करने की उम्मीद है. यह कदम उन निर्वाचन संस्थाओं के लिए समन्वय स्थापित करने का प्रयास करेगा, जिन्हें अब अलग-अलग समय पर आयोजित किया जाता है.

बीजेपी ने जारी किया व्हिप
भाजपा ने सभी अपने लोकसभा सांसदों को 17 दिसंबर 2024 को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है. इससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी विधेयक की मंजूरी के लिए अपने सांसदों से सक्रिय भागीदारी की उम्मीद कर रही है.

अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे बिल
केंद्र सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इस विधेयक को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया जाएगा. विधेयक प्रस्तुत करने के बाद, मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का अनुरोध करेंगे. यह समिति प्रतिनिधित्व के आधार पर गठित की जाएगी, जिसमें भाजपा को बड़ी पार्टी के तौर पर समिति की अध्यक्षता करने की संभावना है.

संसद की प्रक्रिया और समिति का गठन
लोकसभा में इस विधेयक की पेशी के बाद, अध्यक्ष राजनीतिक दलों से संयुक्त संसदीय समिति के लिए नामांकन लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. यदि कोई पार्टी नामांकित सदस्य नहीं भेजती है, तो उसे समिति में प्रतिनिधित्व खोने का खतरा हो सकता है. समिति की संरचना मंगलवार शाम तक घोषित की जा सकती है, और इसकी प्रारंभिक अवधि 90 दिन होगी, जिसके बाद उसे विस्तार देने का विकल्प रहेगा.