Parliament Winter Session: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक लोकसभा में पेश करने के बाद कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध किया है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे को चुनौती देता है. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक का टीएमसी ने भी कड़ा विरोध किया है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक राष्ट्र एक चुनाव बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
इसके अलावा डीएमके सांसद टीआर बालू ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि जब सरकार के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है तो वह संसद में विधेयक कैसे पेश कर सकती है. तृणमूल सांसद ने विधेयक का विरोध किया, कहा यह संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करता है.
Arjun Ram Meghwal, Union Law Minister introduces Constitutional Amendment Bill in Lok Sabha for ‘One Nation, One Election’. pic.twitter.com/pnbQTOcvwX
— ANI (@ANI) December 17, 2024
तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा?
तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि संविधान के मूल ढांचे को लाइनों के बीच में पढ़ा जाता है. यह प्रस्तावित विधेयक मूल ढांचे पर प्रहार करता है और यह अल्ट्रा वायरस है. उन्होंने कहा, "यह कोई चुनाव सुधार नहीं है, यह सिर्फ एक सज्जन के सपनों का साकार होना है."
सपा ने कहा भाजपा सरकारी की तानाशाही
एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक का समाजवादी पार्टी ने भी विरोध जताया है. अखिलेश यादव की ओर से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बिल का विरोध करते हुए भाजपा सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह बिल भारत की विविधता और संघीय ढांचे को खत्म कर देगा.
सपा-कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक केवल पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य एक नया संविधान लाना है. संविधान में संशोधन करना एक बात है, लेकिन एक नया संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली उद्देश्य है." सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जो एक साथ 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं करा पाए वो पूरे देश में एक साथ चुनाव की बात करते हैं.