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दिल्ली की वायु गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार, शनिवार को AQI 85 दर्ज, तीन साल में सबसे कम, कैसे हुआ ये चमत्कार?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार मौसम की अनुकूल परिस्थितियों, हवा की गति में बढ़ोतरी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों का नतीजा हो सकता है. दिल्ली में सर्दियों के बाद आमतौर पर प्रदूषण का स्तर ऊंचा रहता है, लेकिन इस बार मार्च में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
On Saturday, Delhi recorded an AQI of 85, the lowest in the last three years

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज एक सुखद खबर सामने आई है. शहर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 85 दर्ज किया गया, जो पिछले तीन वर्षों में 1 जनवरी से 15 मार्च की अवधि के दौरान सबसे कम है. यह इस साल का पहला दिन भी है जब दिल्ली का AQI 'संतोषजनक' श्रेणी (AQI 51-100) में पहुंचा है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने यह जानकारी दी है.

पांच साल में मार्च का पहला 'संतोषजनक' दिन

यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि मार्च के महीने में दिल्ली में पिछले पांच सालों में पहली बार 'संतोषजनक' AQI दर्ज किया गया है. 2020 के बाद से यह पहला मौका है जब दिल्लीवासियों को इस महीने में इतनी साफ हवा में सांस लेने का अवसर मिला है.

वायु प्रदूषण में कमी के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार मौसम की अनुकूल परिस्थितियों, हवा की गति में बढ़ोतरी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों का नतीजा हो सकता है. दिल्ली में सर्दियों के बाद आमतौर पर प्रदूषण का स्तर ऊंचा रहता है, लेकिन इस बार मार्च में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है.

दिल्लीवासियों के लिए राहत
AQI का 85 तक पहुंचना दिल्ली के निवासियों के लिए राहत की बात है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में इस अवधि के दौरान AQI अक्सर 'खराब' या 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा है. 'संतोषजनक' AQI का मतलब है कि हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा सामान्य स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित स्तर पर है, हालांकि संवेदनशील लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.

क्या है वजह

वायु प्रदूषण के यूं अचानक कम होने की क्या वजह है, इसको लेकर CAQM ने कोई खास जानकारी साझा नहीं की है लेकिन होली को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है. होली के दिन ज्यादातर निजी और सरकारी कंपनियों में अवकाश रहा, जिसकी वजह से काम भी ठप रहा और लोगों ने अपने वाहनों का भी कम प्रयोग किया, जिसकी वजह से वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई. इसके अलावा हवा की तेज गति ने भी वायु की गुणवत्ता सुधारने में भूमिका अदा की है.