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India Daily

28 फरवरी को भारत में एक साथ 7 ग्रहों को देखने का मौका, 2040 तक नहीं मिलेगा ये नजारा

28 फरवरी 2025 की संध्या को एक अनोखी खगोलीय घटना का अनुभव होगा. इस दिन सौर मंडल के सभी सात ग्रह - शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल - एक साथ आकाश में उपस्थित होंगे, जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगा.

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Edited By: Ritu Sharma
Planets Alignment
Courtesy: Social Media

Planets Alignment: इस सप्ताह आकाश में एक दुर्लभ और अद्भुत खगोलीय घटना घटने वाली है, जब सौरमंडल के सात ग्रह एक सीधी रेखा में नजर आएंगे. इस दुर्लभ संरेखण में बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून शामिल होंगे, जो सूर्य के एक ही ओर दिखाई देंगे. यह खगोलीय संयोग 2040 तक दोबारा नहीं होगा, इसलिए यह खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है.

भारत में इसे देखने का सबसे अच्छा समय

आपको बता दें कि भारत में इस अनोखी घटना को देखने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के 45 मिनट बाद होगा. इस दौरान आकाश में रोशनी कम होगी, जिससे ग्रहों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा. इसे देखने के लिए खुले मैदान या किसी ऊंचे स्थान पर जाना उचित रहेगा, जहां प्रकाश प्रदूषण कम हो.

कैसे देखें यह दुर्लभ खगोलीय घटना?

  • नंगी आंखों से दिखने वाले ग्रह: बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को बिना किसी उपकरण के देखा जा सकता है.
  • टेलिस्कोप की जरूरत: यूरेनस और नेपच्यून को सही से देखने के लिए टेलिस्कोप या दूरबीन की आवश्यकता होगी.
  • स्पष्टता के लिए सुझाव: प्रदूषण रहित क्षेत्र चुनें और मौसम की स्थिति पर ध्यान दें ताकि आकाश साफ रहे.

खगोल विज्ञान और आध्यात्मिकता का संगम

इसके अलावा, महाकुंभ 2025 के समापन के साथ यह ग्रहों का संरेखण एक आध्यात्मिक पहलू भी जोड़ रहा है. कई लोगों का मानना है कि ऐसी खगोलीय घटनाएं सकारात्मक ऊर्जा और चेतना को जाग्रत करती हैं. 

हालांकि, यदि आप खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं या ब्रह्मांड के अद्भुत नजारों को देखना पसंद करते हैं, तो यह एक ऐसा मौका है जिसे मिस नहीं करना चाहिए. 28 फरवरी की रात अपने टेलिस्कोप के साथ तैयार रहें और इस ऐतिहासिक खगोलीय घटना का आनंद लें.