क्या टूटने वाला है इंडिया गठबंधन! दिल्ली में आप की हार के बाद उमर अब्दुल्ला ने दिए 'महाभारत' के संकेत

सोमवार को जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद में मुलाकात की. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें जम्मू और कश्मीर राज्य की स्थिति, सुरक्षा स्थिति, आगामी बजट सत्र (3 मार्च से शुरू) और राज्य की सरकार से संबंधित मुद्दे शामिल थे.

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दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की करारी हार के बाद इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस गठबंधन में वाकई एकता है? जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से जब इस विषय पर सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने विचार साझा किए और यह भी बताया कि इस मुद्दे पर वे किसी सार्वजनिक मंच पर टिप्पणी करने के बजाय गठबंधन की बैठक में चर्चा करेंगे.

उमर अब्दुल्ला और अमित शाह की बैठक
सोमवार को जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद में मुलाकात की. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें जम्मू और कश्मीर राज्य की स्थिति, सुरक्षा स्थिति, आगामी बजट सत्र (3 मार्च से शुरू) और राज्य की सरकार से संबंधित मुद्दे शामिल थे. यह उमर अब्दुल्ला की अमित शाह के साथ तीसरी मुलाकात थी, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने राज्य की राजनीति और शासन के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की.

क्या इंडिया ब्लॉक में एकता है
जब उमर अब्दुल्ला से पूछा गया कि क्या इंडिया ब्लॉक में एकता है, तो उन्होंने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, "जब इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक होगी, तभी मैं इस पर जवाब दूंगा." उनका कहना था कि यदि वह इस मुद्दे पर मीडिया से बात करेंगे, तो उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने इस पर सार्वजनिक रूप से कोई बयान देने से इंकार किया.

उमर अब्दुल्ला की रणनीति
उमर अब्दुल्ला ने यह स्पष्ट किया कि यदि उन्हें इंडिया ब्लॉक के अंदर इस मुद्दे पर चर्चा करनी है, तो वह वहां ही करेंगे, ताकि किसी भी भ्रम या ग़लतफहमी से बचा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि एकता और अन्य मामलों पर किसी भी तरह की चर्चा केवल गठबंधन की बैठक में ही संभव है, और बाहर किसी भी सार्वजनिक बयान से केवल समस्याएं बढ़ सकती हैं.

सुरक्षा समीक्षा बैठक
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले सप्ताह नई दिल्ली में आयोजित सुरक्षा समीक्षा बैठक में उमर अब्दुल्ला के साथ जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे. यह बैठक राज्य की सुरक्षा स्थिति और प्रशासनिक मुद्दों पर केंद्रित थी, और इसमें उच्च-स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया. यह बैठक इस बात का संकेत थी कि केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर के मामलों में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का इरादा रखती है.