नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के बाद जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा ने बुधवार को पास कर दिया है. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचा है. राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के फैसले से वहां कोई भी खुश नहीं है.
उमर अब्दुल्ला ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा "इसमें कोई संदेह नहीं है कि केंद्र सरकार ने ऐसा किया और ऐसा करते समय उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई. जम्मू-कश्मीर से किए गए वादे दिल्ली में बैठे एक नेता या एक पार्टी द्वारा किए गए वादे नहीं थे, बल्कि यह देश से था. यह बंधन दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के एक व्यक्ति के बीच नहीं था, यह इस राज्य के साथ एक देश के बीच का बंधन था. जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे तो लोग फैसलों से नाखुशी दिखाएंगे. अगर वे सोचते हैं कि इस बंधन को नुकसान पहुंचाना बधाई का पात्र है, तो उन्हें एक-दूसरे को बधाई देने दें. सच्चाई यह है कि जम्मू कश्मीर के और लद्दाख के लोग 5 अगस्त, 2019 को उठाए गए कदमों से खुश नहीं हैं. यह कारगिल (एलएएचडीसी चुनाव) और डीडीसी (जिला विकास परिषद) चुनावों में साबित हुआ था और अगर वे यहां विधानसभा चुनाव कराते हैं, तो यह फिर से साबित होगा"
विधानसभा चुनाव नहीं कराये जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि एक फिक्स मैच खेला जा रहा है. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा "यह जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है कि वे अपने वोट का इस्तेमाल करें और अपने नेताओं को चुनें. हमें इससे दूर रखा जा रहा है. एक फिक्स मैच खेला जा रहा है. जब आप चुनाव आयोग से जम्मू-कश्मीर में चुनावों के बारे में पूछते हैं, तो वह केंद्र की ओर इशारा करता है, और जब हम केंद्र से पूछते हैं, तो वह चुनाव आयोग की ओर इशारा करता है. केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में देरी जम्मू-कश्मीर को विनाश के रास्ते पर ले जा रही है. क्षेत्र के लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है''
#WATCH | J&K National Conference leader Omar Abdullah says, "It is the right of people of J&K to use their vote and elect their leaders. We are being kept away from this. A fixed match is being played - when you ask the Election Commission (about elections in J&K), it points at… pic.twitter.com/8b1uq2xozw
— ANI (@ANI) December 6, 2023
जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन अमेंडमेंट बिल और जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन बिल में विशेष प्रावधान है. रिजर्वेशन एक्ट से राज्य सरकार की नौकरियों, कॉलेज एडमिशन में आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकेगी. वहीं जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 की मदद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन किया जाएगा. इसकी मदद से जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी. इसके साथ विधानसभा में सात सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की जाएंगी.