जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाने पर अपनी ही सहयोगी कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर उठाए गए सवालों पर अपनी असहमति जाहिर करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनावी हार के बाद मतदान मशीनों को दोष नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा अगर चुनावी जीत के दौरान ईवीएम की प्रशंसा की जाती है, तो हारने के बाद उसी ईवीएम को दोष देना गलत है.
यह राजनीतिक पाखंड
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब चुनावी परिणाम आपके पक्ष में होते हैं और आपके 100 से ज्यादा सदस्य संसद में चुनकर आते हैं, तो ईवीएम की तारीफ की जाती है. लेकिन जब परिणाम आपके पक्ष में नहीं आते, तो उसी ईवीएम पर सवाल उठाए जाते हैं, यह राजनीतिक पाखंड है. अब्दुल्ला ने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा, 'आप एक चुनाव जीतने के बाद ईवीएम की प्रशंसा करते हैं, और फिर कुछ महीनों बाद जब चुनाव परिणाम आपकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं होते, तो आप उन मशीनों को नापसंद करने लगते हैं.'
Congress can't accept election results when they win and blame EVMs when they lose. I am not a BJP spokesperson; it's just that what's right is right.
— BALA (@erbmjha) December 15, 2024
Omar Abdullah ripping apart Congress's EVM hack rant. @RahulGandhi are you watching? 😂 pic.twitter.com/plifiSs6u4
चुनाव मत लड़ो
कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर किसी दल को ईवीएम पर भरोसा नहीं है, तो उसे चुनाव में भाग नहीं लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक प्रणाली है जिसे सभी को समान रूप से स्वीकार करना चाहिए, और इसे लेकर चुनिंदा रवैया नहीं अपनाना चाहिए.
कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच बढ़ती खटास
इस टिप्पणी के बाद, कांग्रेस के साथ उमर अब्दुल्ला के रिश्तों में और खटास आ गई है. जम्मू और कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस की परफॉर्मेंस पर सवाल उठाए गए थे. जहां कांग्रेस सिर्फ छह सीटें जीत पाई थी, वहीं नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने 42 सीटें जीती थीं. एनसी नेताओं का कहना था कि कांग्रेस ने चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत नहीं लगाई थी, जिसके कारण पार्टी की सीटें कम हुईं.
यह राजनीति से ऊपर
उमर अब्दुल्ला ने अपनी टिप्पणियों के आधार को सिद्धांत बताया और कहा कि यह राजनीति से ऊपर है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय विस्टा परियोजना के लिए समर्थन जताया था, जो कि एक स्वतंत्र सोच का प्रतीक था. इस मामले पर उनकी सोच ने उन्हें विपक्षी दलों से भी समर्थन प्राप्त किया, जो कांग्रेस के साथ उनके संबंधों में बढ़ती हुई तकरार को देख रहे थे. इसके अलावा, उन्होंने नई संसद भवन की निर्माण परियोजना की भी सराहना की और इसे एक "उत्तम विचार" बताया, जो समय की जरूरत थी.