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India Daily

'मुस्लिमों को जिहाद के अलावा कुछ नहीं आता', उमर अब्दुल्ला ने नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा पर बोला हमला

इससे पहले विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी पर "दो-राष्ट्र सिद्धांत" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Omar Abdullah attacked Leader of Opposition Sunil Sharma by talking about Muslim Jihad

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को विपक्ष के नेता (एलओपी) सुनील शर्मा पर तीखा हमला बोला. उन्होंने शर्मा के "विधायी जिहाद" जैसे शब्दों के इस्तेमाल की आलोचना की और कहा कि यह गलत धारणा फैलाने की कोशिश है. अब्दुल्ला ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "वह हर बात में 'जिहाद' शब्द का प्रयोग करते हैं. जब कोई दूसरा सदस्य अपनी धर्म की बात करता है, तो उन्हें गुस्सा आता है. क्या वह यह साबित करना चाहते हैं कि मुसलमानों को 'जिहाद' के अलावा कुछ नहीं पता? यह सरासर गलत है."

सुनील शर्मा का आरोप

इससे पहले गुरुवार को सुनील शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी पर निशाना साधा. शर्मा ने आरोप लगाया कि एनसी "दो-राष्ट्र सिद्धांत" को बढ़ावा दे रही है और जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने के अधिकार का विरोध कर रही है. एएनआई के हवाले से शर्मा ने कहा, "यहां जमीन जिहादियों को बचाने के लिए विधायी जिहाद का सहारा लिया जा रहा है. भारत एक है, कोई भी भारतीय यहां आ सकता है. अगर कश्मीर का व्यक्ति महाराष्ट्र में जमीन खरीद सकता है, तो महाराष्ट्र का व्यक्ति कश्मीर में क्यों नहीं? यह दो-राष्ट्र सिद्धांत है, जिसे जिन्ना ने अपनाया था."

उन्होंने आगे कहा, "डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नारे के मुताबिक एक संविधान, एक निशान और एक पहचान होनी चाहिए. यह नहीं चलेगा." शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी होने के कारण संविधान को लागू नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, "क्या आप धर्म के आधार पर अलग दर्जा चाहते हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि यहां मुस्लिम बहुमत है, भारत का पूरा संविधान लागू नहीं होना चाहिए? हम ऐसा नहीं होने देंगे."

अब्दुल्ला का जवाब
उमर अब्दुल्ला ने शर्मा के बयानों को न केवल भड़काऊ करार दिया, बल्कि इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक गलत संदेश देने की कोशिश बताया. उन्होंने कहा कि "जिहाद" जैसे शब्दों का बार-बार इस्तेमाल करके शर्मा एक खास छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो न तो सच है और न ही उचित. अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी बयानबाजी से समाज में गलतफहमियां बढ़ती हैं और यह राजनीति को गलत दिशा में ले जाती है.

क्या था पूरा विवाद
यह पूरा विवाद जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक और संवैधानिक स्थिति को लेकर है. जहां एनसी जैसे दल क्षेत्रीय पहचान और स्थानीय अधिकारों की रक्षा की बात करते हैं, वहीं शर्मा जैसे नेता इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ मानते हैं. शर्मा का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों की तरह ही नियमों का पालन करना चाहिए, जबकि अब्दुल्ला इसे स्थानीय भावनाओं से जोड़कर देखते हैं.