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हे भगवान: भूतों के डर से मर्द बना दुल्हन, 36 सालों से साड़ी पहन के कर रहा 16 श्रृंगार

एक व्यक्ति भूत के आतंक से त्रस्त होकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रहने वाला यह व्यक्ति पिछले 36 वर्षों से दुल्हन का रूप धारण किए हुए है. उसकी पत्नी की मृत्यु के बाद, वह भूत के डर से लगातार परेशान है.

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Edited By: Ritu Sharma
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Courtesy: Trending News

Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति बीते 36 वर्षों से महिला के रूप में जीवन व्यतीत कर रहा है. वजह कोई फैशन ट्रेंड नहीं, बल्कि भूत का डर बताया जा रहा है. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं.

तीन दशक से पहन रहा साड़ी और महिलाओं के कपड़े

आपको बता दें कि ये व्यक्ति पिछले तीन दशकों से महिलाओं के कपड़े पहन रहा है. उसका दावा है कि आत्माओं के डर से उसने ऐसा करने का फैसला लिया. उसने बताया कि अगर वह पुरुषों की तरह सामान्य जीवन जीता, तो उसकी जान को खतरा हो सकता था. इसलिए उसने महिला के रूप में रहना शुरू कर दिया, ताकि भूत उसे परेशान न कर सके.

दूसरी पत्नी की आत्मा बनी परेशानी?

वहीं इस व्यक्ति ने अपनी जिंदगी का एक और हैरान करने वाला सच बताया. उसका कहना है कि उसकी तीन शादियां हुई थीं, लेकिन दूसरी पत्नी की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा उसे डराने लगी. इसके अलावा, उसने यह भी दावा किया कि उसके नौ बेटों में से सात की असमय मौत हो गई. पत्नी की मृत्यु के बाद उसे अजीब-अजीब सपने आने लगे, जिसमें उसकी पत्नी उसे सताने लगी. इसी डर के कारण उसने महिलाओं की तरह रहना शुरू कर दिया और आज तक उसी रूप में जीवन व्यतीत कर रहा है.

गांव में बना चर्चा का विषय

इस घटना ने पूरे गांव और आसपास के इलाकों में सनसनी मचा दी है. कुछ लोग इसे अंधविश्वास का नतीजा मान रहे हैं, तो कुछ इसे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोग इसे भूत-प्रेत से जोड़कर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि इस व्यक्ति को सही इलाज और मार्गदर्शन की जरूरत है.

अंधविश्वास बनाम मानसिक स्वास्थ्य

बहरहाल, यह मामला अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य के जटिल संबंधों को उजागर करता है. भूत-प्रेत के डर से अपनी पूरी जिंदगी बदल देना कितना तर्कसंगत है? यह सवाल अभी अनसुलझा है, लेकिन इस घटना ने यह जरूर दर्शाया है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की सख्त जरूरत है. क्या यह मामला वास्तव में आत्माओं के डर का है या फिर किसी मानसिक समस्या का परिणाम? यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. लेकिन इतना तय है कि इस तरह की घटनाएं अंधविश्वास के खतरों को सामने लाती हैं और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करती हैं.