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India Daily

Odisha Legislative Assembly Sessions: ओडिशा विधानसभा में हंगामा, किसानों के मुद्दों को लेकर गरमाया माहौल

ओडिशा विधानसभा के सत्र में शनिवार को किसानों के मुद्दों और पूर्व नौकरशाह वी. के. पांडियन पर बीजद सदस्यों को नियंत्रित करने के आरोपों को लेकर भारी हंगामा हुआ.

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Edited By: Garima Singh
Odisha Legislative Assembly
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Odisha Legislative Assembly: ओडिशा विधानसभा के सत्र में शनिवार को किसानों के मुद्दों और पूर्व नौकरशाह वी. के. पांडियन पर बीजद सदस्यों को नियंत्रित करने के आरोपों को लेकर भारी हंगामा हुआ. विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस विधायकों ने फसल नुकसान और किसानों की आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विशेष चर्चा की मांग की, जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता जयनारायण मिश्रा ने पूर्व नौकरशाह वी. के. पांडियन पर बीजद विधायकों को नियंत्रित करने का गंभीर आरोप लगाया.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही, बीजद और कांग्रेस विधायकों ने फसलों के नुकसान और किसानों की आत्महत्या पर विशेष चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया. अध्यक्ष को हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को दोपहर तक स्थगित करना पड़ा. दोपहर के बाद कार्यवाही पुनः शुरू हुई, लेकिन हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था. किसानों के मुद्दों पर विशेष चर्चा की मांग के साथ ही विपक्षी दलों ने सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया.

वी. के. पांडियन पर भाजपा का गंभीर आरोप

भाजपा के वरिष्ठ नेता जयनारायण मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी पूर्व नौकरशाह वी. के. पांडियन पर सदन में बीजद सदस्यों को नियंत्रित करने का आरोप लगाया.
मिश्रा ने कहा, "बीजद विधायक सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं और यह सब पांडियन के निर्देश पर हो रहा है। क्या पांडियन सदन चलाएंगे?" उन्होंने आरोप लगाया कि बीजद विधायकों के बीच पांडियन का पसंदीदा बनने की होड़ मची हुई है. मिश्रा के इन आरोपों के बाद सदन में हंगामा और तेज हो गया.

बीजद की कड़ी आपत्ति और प्रतिक्रिया

बीजद ने मिश्रा के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई. विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा, "सदन के नियमों के अनुसार, जो व्यक्ति विधानसभा का सदस्य नहीं है, उसका नाम सदन में नहीं लिया जाना चाहिए. अगर वरिष्ठ विधायक (मिश्रा) के पास कोई सबूत है, तो उन्हें सदन के सामने पेश करना चाहिए." बीजद के वरिष्ठ सदस्य पी. के. देब ने कहा कि वे किसानों के मुद्दों पर विशेष चर्चा की मांग करते हैं, न कि स्थगन प्रस्ताव के नियमों के तहत, क्योंकि वह केवल 55 मिनट के लिए आयोजित की जाती है. देब ने कहा, "किसानों के मुद्दे बहुत बड़े और महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उन पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए."

राजनीतिक तनाव और आगे की रणनीति

मिश्रा के आरोपों और बीजद की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद, राजनीतिक माहौल और गरमा गया है. विपक्ष ने किसानों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग को और तेज कर दिया है. भाजपा ने पांडियन पर लगाए आरोपों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. वहीं, बीजद ने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया है.