ओडिशा के राजभवन में तैनात एक अधिकारी की पत्नी ने राज्यपाल रघुवर दास के बेटे और पांच अन्य लोगों पर उनके पति के साथ मारपीट का आरोप लगाया है. क्योंकि पुरी रेलवे स्टेशन से उसे लेने के लिए लग्जरी कार नहीं भेजा गया. हालांकि घटना के संबंध में राजभवन या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. मीडिया से बातचीत में बैकुंठ प्रधान की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति की पिटाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने राज्यपाल के बेटे को लेने के लिए लग्जरी गाड़ी नहीं भेजी थी. पीड़ित कर्मचारी की पत्नी ने कथित हमले को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
प्रधान ने प्रमुख सचिव को दी गई शिकायत में कहा, 'राजभवन पुरी का प्रभारी होने के नाते, मैं 7 और 8 जुलाई को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा और प्रशासन की तैयारियों की निगरानी के लिए 5 जुलाई से वहां मौजूद था. इस बीच 7 जुलाई को करीब साढ़े ग्यारह बजे जब कार्यालय कक्ष में बैठे थे. तो राज्यपाल का निजी रसोइया आया और उनसे कहा कि कुमार उनसे तुरंत मिलना चाहते हैं. जब मैं वहां गया तो देखा कि वे अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.इस दौरान उन्होंने मुझे फटकार लगाई बेहद आपत्तिजनक गाली गलौज का इस्तेमाल किया. जब मैने इस तरह के अपमान का विरोध किया तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. इस बीच वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों ने मुझे नहीं बचाया.'
बैकुंठ प्रधान की पत्नी बताती हैं कि '8 जुलाई को शाम साढ़े चार बजे राज्यपाल के प्रधान सचिव को मौखिक रूप से सारी घटना बताई और 10 जुलाई को पत्र भेजा. वहीं 11 जुलाई को सी बीच पुलिस स्टेशन भी शिकायत दर्ज कराने गई थी लेकिन शिकायत स्वीकार नहीं हुआ, इसलिए हमने मेल में पुलिस को शिकायत भेजी है.'
इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुमार प्रधान से इस बात से नाराज थे कि उन्होंने पुरी रेलवे स्टेशन पर उन्हें रिसीव करने के लिए दो लग्जरी गाड़ियां नहीं भेजी. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि मारपीट के दौरान कुमार ने प्रधान से अपने जूते चाटने को कहा. बैकुंठ की पत्नी सरोज ने मीडिया से बातचीत में बताया, 'मेरे पति को राष्ट्रपति पद की ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था, राज्यपाल के बेटे के सेवा के लिए नहीं'. बता दें कि अभी इस पूरी घटना पर कोई भी अधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है.