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India Daily

ओडिशा के तट पर कछुओं का अद्भुत नजारा, 6 लाख से भी ज्यादा अंडे देकर बनाया नया रिकॉर्ड

ओडिशा के गंजम जिले में ओलिव रिडले कछुओं ने रिकॉर्ड बनाया. इस बार 6 लाख 41 हजार से ज्यादा कछुओं ने रुशिकुल्या नदी में अंडे दिए. यह संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड से भी ज्यादा है.

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Edited By: Anvi Shukla
Olive Ridley turtle
Courtesy: social media

Olive Ridley Sea Turtles: ओडिशा के समुद्री किनारे पर इस बार एक ऐसा अद्भुत नज़ारा देखने को मिला, जिसने सबको हैरान कर दिया. यहाँ ओलिव रिडले कछुओं का मेला लगा, और उन्होंने लाखों अंडे देकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया. गंजम जिले के रुशिकुल्या रॉकरी में, इस बार 6 लाख 41 हजार से भी ज्यादा कछुओं ने अंडे दिए, जो पिछले साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ गया.

यह खबर सुनकर वन विभाग के अधिकारी भी खुशी से झूम उठे. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) प्रेम कुमार झा ने बताया कि अभी तो यह शुरुआत है, और मार्च के पहले हफ्ते तक कछुओं की संख्या 7 लाख तक पहुंच सकती है. उन्होंने कहा, "यह एक बहुत अच्छी खबर है, और हम उम्मीद कर रहे हैं कि कछुओं की संख्या और बढ़ेगी."

सबसे छोटी प्रजाति ओलिव रिडले कछुए:

ओलिव रिडले कछुए समुद्री कछुओं की सबसे छोटी प्रजाति है और ये ओडिशा के रुशिकुल्या और गहिरमाथा समुद्र तटों पर अंडे देने के लिए जाने जाते हैं. रुशिकुल्या समुद्र तट, मैक्सिको और कोस्टा रिका के बाद दुनिया के सबसे बड़े घोंसले के शिकार स्थलों में से एक है. ये कछुए अपने लगभग 100 अंडे डेढ़ फुट गहरे रेत के गड्ढों में देते हैं. मौसम के हिसाब से अंडे 45-55 दिनों में फूटते हैं. अंडे देने के बाद, मादा कछुए वापस समुद्र में चली जाती हैं, और बच्चे कछुए जब अंडे से निकलते हैं, तो वे समुद्र की ओर रेंगते हैं.

वन विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि कछुओं ने 2015-16, 2018-19, 2020-21 और 2023-24 में रुशिकुल्या में सामूहिक घोंसला बनाने से परहेज किया था. लेकिन, इस बार उन्होंने बड़ी संख्या में वापसी की है, जो एक अच्छा संकेत है. यह जरूरी है कि हम इन कछुओं की सुरक्षा करें, क्योंकि ये मरीन इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. वन विभाग और स्थानीय लोग मिलकर इन कछुओं की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. हमें भी इन कछुओं के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए, ताकि ये सुरक्षित रह सकें.