'मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं...', छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने पर अब PM मोदी ने भी मांगी माफी
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि महाराज से माफी मांगता हूं, हमारे मूल्य अलग हैं.
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्रो मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में बीते 27 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर मांफी मांगी है. उन्होंने कहा कि मैं सिर झुकाकर शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं. पालगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. सबसे पहला काम जो मैंने किया, वह था रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने एक भक्त के रूप में बैठना और एक नई यात्रा शुरू करना. पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में वधावन बंदरगाह परियोजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
यह बंदरगाह अपनी रणनीतिक स्थिति और क्षमता के कारण कई पहलुओं में भारत के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए तैयार है. महाराष्ट्र के पालघर में स्थित वधवन बंदरगाह 76,220 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत का सबसे बड़ा गहरे पानी का बंदरगाह होगा.
'मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं'
पीएम मोदी ने कहा- 'छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं है. आज मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं, हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं और उनका अपमान करते रहते हैं। वे माफ़ी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं.
पीएम मोदी से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार भी मांफी मांग चुके हैं. अजित पवार ने कहा था कि दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. इसकी जांच की जाएगी.
'विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत का सबसे अहम हिस्सा'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के लिए यह बहुत बड़ा दिन है. विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे अहम हिस्सा है. इसलिए, चाहे पिछले 10 साल हों या फिर मेरी सरकार का तीसरा कार्यकाल, महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं. महाराष्ट्र के पास विकास के लिए जरूरी शक्ति और संसाधन मौजूद हैं.आज वधावन पोर्ट की आधारशिला रखी गई है और इस पर 76,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा.
पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले एक दशक में भारत के समुद्री तटों पर विकास ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है. हमने बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया है. जलमार्गों का विकास किया है. इस दिशा में लाखों-करोड़ों रुपए का निवेश किया गया है. निजी निवेश भी बढ़ा है. हमारे युवाओं को इसका लाभ मिल रहा है. उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं. आज पूरी दुनिया की नज़र वधावन पोर्ट पर है. इससे इस पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी.'
बंदरगाह की खासियत
यह बंदरगाह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के साथ समर्पित माल ढुलाई गलियारों से भी जुड़ा होगा और माल की तेज़, अधिक कुशल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा. वधवन मेगा पोर्ट दो परिवर्तनकारी चरणों में पूरा किया जाएगा जिसमें बेजोड़ क्षमताओं के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं होगी. अपने दूसरे चरण के अंत तक, वधवन मेगापोर्ट 23.2 मिलियन TEU को संभालेगा. TEU का अर्थ है "बीस-फुट समतुल्य इकाई" और यह शिपिंग उद्योग में कंटेनरों में कार्गो की मात्रा को मापने के लिए उपयोग की जाने वाली माप की इकाई है. बंदरगाह के माध्यम से रोजगार सृजन के संदर्भ में, सरकार ने कहा कि यह लगभग 12 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और एक करोड़ से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा.