राज ठाकरे के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट, आखिर क्या है मामला?
साल 2008 में निलंगा के मनसे कार्यकर्ताओं ने उदगीर मोड़ पर निगम की एक बस में आग लगा दी थी. इस संबंध में निलंगा थाने में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया दया था, जिसमें राज ठाकरे का नाम भी शामिल था.
Maharashtra News: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. आखिर राज ठाकरे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट क्यों जारी किया गया है, आइए समझते हैं पूरा मामला...
मनसे कार्यकर्ताओं ने बस में लगा दी थी आग
दरअसल 16 साल पहले मनसे कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र निगम की बस में आगजनी और तोड़फोड़ की थी जिसके बाद राज ठाकरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले में राज ठाकरे आठवें आरोपी हैं.
साल 2008 में निलंगा के मनसे कार्यकर्ताओं ने उदगीर मोड़ पर निगम की एक बस में आग लगा दी थी. इस संबंध में निलंगा थाने में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया दया था, जिसमें राज ठाकरे का नाम भी शामिल था.
अदालत में पेश हुए थे राज ठाकरे
इससे पहले भी राज ठाकरे को निलंगा की अदालत में पेश होना पड़ा था क्योंकि निलंगा अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी. वकीलों ने राज ठाकरे से मामले में पीछे हटने का अनुरोध किया था क्योंकि उनके लिए हर तारीख पर निलंगा अदालत आना संभव नहीं था. उस वक्त उन्हें जमानत भी मिल गई थी. हालांकि तारीख पर उपस्थित नहीं होने के कारण कोर्ट ने एक बार फिर से राज ठाकरे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
चार लोगों को मिल चुकी है जमानत
इस मामले में चार लोगों को वकील के माध्यम से जमानत मिल चुकी है लेकिन चूंकि राज ठाकरे और तत्कालीन मनसे जिला प्रमुख अभय सोलुंके उपस्थित नहीं थे. कोर्ट ने पुलिस को राज ठाकरे और अभय सोलुंके को पेश करने का आदेश दिया है. इसी के साथ ठाकरे को 16 साल बाद एक बार फिर से निलंगा कोर्ट में पेश होना पड़ेगा.