Nitish Kumar Become 9th CM of Bihar: बिहार में इस वक्त बड़े स्तर पर राजनीतिक भूचाल आया हुआ है. नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से रविवार को नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उधर नीतीश कुमार को समर्थन देने के लिए भाजपा को दो उपमुख्यमंत्री पद मिलेंगे. सूत्रों ने बताया है कि नीतीश कुमार ने कल सुबह यानी रविवार को 10 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. उधर, बिहार में सरकार बदलने की खबरों के बीच बड़े पैमाने पर जिलाधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है. बिहार सरकार ने 22 आईएएस, 79 आईपीएस और 45 बिहार प्रशासनिक सेवा (बीएएस) अधिकारियों को इधर से उधर किया है. इन तबादलों में पांच जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और 17 एसपी शामिल हैं.
सूत्रों ने यह भी कहा कि विधानसभा भंग नहीं की जाएगी और चुनाव भी नहीं कराया जाएगा. बिहार में वैसे भी अगले साल चुनाव होगा, इसलिए पार्टी जल्दबाजी में नहीं है. फिलहाल पूरा फोकस अप्रैल या मई में होने वाले लोकसभा चुनावों पर होगा. भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) दोनों ने समझौते को आखिरी रूप देने के लिए अपने-अपने सांसदों और विधायकों को बुलाया है, जिनसे ताजा हालातों पर चर्चा की जाएगी. उधर, मुख्यमंत्री कुमार ने हर साल गणतंत्र दिवस पर आयोजित एक चाय पार्टी के लिए आज शाम राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की है. हालांकि इस चाय पार्टी में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गैर मौजूद रहे.
इसके अलावा राजद के मनोज झा ने नीतीश कुमार से जल्द ही अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि वे बताए, क्या वह रहेंगे, या जाएंगे? वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कल हमने मिलने का समय मांगा था, लेकिन अब तक नीतीश कुमार ने हमें समय नहीं दिया है. हमें विश्वास नहीं है कि वह दोबारा ऐसी गलती करेंगे. सूत्रों ने बताया है कि नीतीश कुमार ने 28 जनवरी के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जिसमें एक सार्वजनिक बैठक भी शामिल थी.
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी एक बड़ा गेम-प्लान है जो विधानसभा अध्यक्ष के नामांकन से शुरू होगी और कैबिनेट में फेरबदल (हर चार विधायकों के लिए एक मंत्री पद) शामिल होगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि नीतीश की घर वापसी की शर्तों में जेडीयू को दी जाने वाली लोकसभा सीटों में कटौती हो सकती है. साल 2019 में पार्टी ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन अपनी कमजोर स्थिति और अन्य एनडीए सहयोगियों को समायोजित करने की जरूरत को देखते हुए, अब उसे 12-15 सीटों से समझौता करना पड़ सकता है.
हालांकि अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन नीतीश कुमार के भाजपा में फिर से गठबंधन की पुष्टि उनके पूर्व करीबी सहयोगी सुशील कुमार मोदी ने की. मोदी ने कहा था कि राजनीति में दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं. साल 2020 के चुनाव के बाद तारकिशोर यादव और रेनू देवी की जगह लेने वाले सुशील मोदी ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है. अब एक राज्यसभा सांसद, संबंधों में स्पष्ट दरार के बाद से वह नीतीश कुमार के लगातार आलोचक रहे हैं, जिससे उनकी 'खुले दरवाजे' वाली टिप्पणी महत्वपूर्ण हो गई है.