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Bihar Politics: नीतीश-बीजेपी में कैसी बनी बात? इन 7 नेताओं ने लिखी साथ आने की स्क्रिप्ट, पढ़ें Inside Story

Bihar Politics: बिहार की राजनीती में किसी भी वक्त बदलाव हो सकता है. नीतीश कुमार किसी भी समय बीजेपी के साथ आ सकते हैं और एक नई सरकार बना सकते हैं. नीतीश कुमार और बीजेपी को साथ लाने की तैयारी पिछले कई महीने से हो रही थी. दोनों को साथ लाने की स्क्रिप्ट पर दोनों दल के कुल 7 नेता काम कर रहे थे. आइए इन सातों नेताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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Edited By: Purushottam Kumar
NITISH AMIT SHAH

हाइलाइट्स

  • JDU-BJP को साथ लाने के लिए महीनों से हो रही थी तैयारी
  • JDU के 4 और BJP के 3 नेताओं ने लिखा पूरी कहानी

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी एक बार फिर सीएम पद से इस्तीफा और विधानसभा भंग कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने की तैयारी में हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि नीतीश कुमार जल्द ही राज्यपाल को इस्तीफा सौंप सकते हैं और बीजेपी के साथ नई सरकार बनाएंगे.

बिहार की इस सियासी उठापटक की पटकथा पिछले चार महीने से लिखी जा रही थी. बीजेपी के साथ नीतीश की पार्टी की गठबंधन की पटकथा लिखने के लिए जेडीयू और बीजेपी के 7 नेता काम कर रहे थे है. पूरी कहानी में जेडीयू के 4 और बीजेपी के 3 नेता लगे हुए थे. आइए इन सातों नेताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.  

नित्यानंद राय

सूत्रों के हवाले से खबर है कि JDU  को बीजेपी के साथ लाने में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय अहम भूमिका निभा रहे हैं. अमित शाह के भरोसेमंद लोगों में नित्यानंद राय का नाम भी शामिल है. आपको बताते चलें, नित्यानंद राय बिहार वर्तमान में उजियारपुर से सांसद हैं.

सुशील मोदी

नीतीश कुमार को बीजेपी में लाने में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. सुत्रों के अनुसार सुशील मोदी को सीएम नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार को बीजेपी में तैयारी के पीछे सुशील मोदी का भी बड़ा हाथ है. शुक्रवार को ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और इसमें पर्मानेंट दरवाजे कभी बंद नहीं होते हैं.

संजय कुमार झा

जेडीयू के दिग्गज नेता संजय कुमार झा 2017 में भी नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ लाने में अहम रोल निभाई थी. साल 2022 में इस बात का ललन सिंह ने इस बात का खुलासा किया था. सूत्रों की मानें तो संजय झा ने दिल्ली जाकर जनवरी की शुरुआत में ही नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ लाने की स्क्रिप्ट पर काम किया था. संजय झा ने 2012 में जेडीयू का दामन थामा था इससे पहले वह बीजेपी में थे.

हरिवंश

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है. बीजेपी का साथ छोड़कर नीतीश कुमार जब आरजेडी के साथ गए तो हरिवंश के पद छोड़ने की बात कही गई. हालांकि, नीतीश कुमार ने उन्हें पद से नहीं हटाया. सूत्रों की माने को उन्होंने ही बीजेपी को नीतीश कुमार के साथ आने के लिए तैयार किया. 2018 में हरिवंश को राज्यसभा के उपसभापति बनाया गया था और तभी से वे इस पद पर हैं.

विनोद तावड़े

सूत्रों के हवाले से खबर है कि हाल में ही जब नीतीश और बीजेपी को एक साथ की हलचल हुई तो तावड़े ने यह सुनिश्चित कराया कि बड़े नेता नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ न बोलें. खबर यह भी है कि 7 जनवरी को ही  नीतीश कुमार और बीजेपी के साथ आने को  लेकर पटना में बीजेपी के बड़े नेताओं की एक मीटिंग भी हुई थी. तावड़े को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है.

केसी त्यागी

जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी नीतीश कुमार के संदेश को बीजेपी तक और बीजेपी के संदेश को नीतीश कुमार तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. केसी त्यागी ने ही नीतीश कुमार के बीजेपी में जाने का पहला संकेत दिया था. आपको बताते चलें 30 दिसंबर 2023 को उन्होंने कहा था कि राजनीति में कोई स्थाई दुश्मन नहीं होता है. केसी त्यागी के पुत्र अमरिश त्यागी फिलहाल बीजेपी में हैं.

विजय चौधरी

22 जनवरी को जब नीतीश कुमार विजय चौधरी के साथ राज्यपाल से मिलने गए थे. चौधरी के नीतीश के किचन कैबिनेट का मेंबर मान जाता है. 2010 में उन्हें बिहार जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था. चौधरी जल संशाधन, गृह, शिक्षा, वित्त जैसे बड़े विभागों के मंत्री रह चुके हैं.