Nitin Gadkari Revealed: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को खुलासा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी खेमे के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में बोलते हुए गडकरी ने अपनी मान्यताओं और पार्टी के प्रति अपनी अटूट निष्ठा की पुष्टि करते हुए कहा कि वह किसी भी पद के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे.
हालांकि, गडकरी ने यह प्रस्ताव देने वाले विपक्षी नेता की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन INDIA ब्लॉक हमेशा से नागपुर के सांसद की प्रशंसा में खुला रहा है.
गडकरी ने कहा कि पीएम बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है. मैंने विपक्षी नेता से पूछा कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों स्वीकार करना चाहिए? एक व्यक्ति का दृढ़ विश्वास भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला है.
#WATCH | Nagpur, Maharashtra | Union Minister Nitin Gadkari says, "I do not want to name anyone but a person said to me, if you are going to become a Prime Minister, we will support you. I said, why you should support me, and why I should take your support. To become a Prime… pic.twitter.com/yo6QDpqq5b
— ANI (@ANI) September 15, 2024
उन्होंने इस अटकल की पुष्टि की कि आम चुनाव से पहले शीर्ष पद के लिए उनके नाम पर विचार किया जा रहा था. मार्च में TOI के साथ एक इंटरव्यू में, गडकरी ने कहा था कि वह पीएम पद की दौड़ में नहीं हैं और संघ की विचारधारा से जुड़े हुए हैं.
आरएसएस-बीजेपी में अपनी जड़ों के बावजूद , गडकरी के कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. महाराष्ट्र में, गडकरी के शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार दोनों के साथ बेहतरीन समीकरण हैं. पवार और गडकरी, दो अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियों का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद, अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में मंच साझा करते हैं और एक-दूसरे की प्रशंसा करते हैं.
गडकरी ने कहा कि मैं एक विचारधारा और दृढ़ भरोसे का पालन करने वाला हूं और उस पार्टी में हूं, जिसने मुझे सबकुछ दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का प्रलोभन मुझे प्रभावित नहीं कर सकता है. मैं सिद्धांतों और विश्वासों के साथ आगे बढ़ा हूं और उन सिद्धांतों और दृढ़ विश्वासों से किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता हूं.
अपने संबोधन के दौरान, गडकरी ने पत्रकारों को उच्च स्तर की दृढ़ विश्वास बनाए रखने और भविष्य की पीढ़ियों को प्रतिबद्धता सौंपने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अक्सर उनकी कड़ी मेहनत के बावजूद वित्तीय सहायता नहीं मिलती है.