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Nirbhaya Case: निर्भया कांड के 4 आरोपियों को फांसी, एक ने की खुदकुशी, जानें किस हाल में है दुष्कर्म का नाबालिग आरोपी?

16 दिसंबर 2012, ये वो तारीख है जो भुलाए नहीं भूलती. सर्दी की स्याह रात में इस तारीख को दिल्ली की सड़क पर चलती बस में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Nirbhaya case

Nirbhaya Case: 16 दिसंबर 2012, ये वो तारीख है जो भुलाए नहीं भूलती. सर्दी की स्याह रात में इस तारीख को दिल्ली की सड़क पर चलती बस में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. आज इस कांड को पूरे 11 साल बीत गए. 11 साल पहले 16 दिसंबर को निर्भया संग दरिंदगी करने वाले 6 दोषियों में से 4 को फांसी की सजा मिल चुकी है जबकि एक ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और जो छठा दोषी था उसे नाबालिग होने के चलते रिहा कर दिया गया था.

क्या था निर्भया दुष्कर्म मामला

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात को 23 साल की पेरामेडिकल छात्रा अपने बॉयफ्रेंड के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी, जिसके साथ चलती बस में 6 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया. उन्होंने न केवल बलात्कार किया बल्कि क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड घुसा दी थी. हादसे में बुरी तरह से जख्मी हुई उस छात्रा की इलाज के दौरान 29 दिसंबर को मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर पूरे देश में भारी रोष देखने को मिला था और लोगों ने सभी दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी. 7 साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 20 मार्च 2020 को निर्भया दुष्कर्म के 6 में से चार आरोपियों को फांसी दे दी गई थी, मगर जो छठा नाबालिग गुनहगार था जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने निर्भया के साथ न केवल सबसे ज्यादा दरिंदगी की बल्कि अन्य लोगों को उकसाया भी था, उसे नाबालिग होने के चलते 3 साल जेल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया था.

आज इस निर्भया कांड की बरसी पर हम आपको बताएंगे कि वह नाबालिग शख्स इस वक्त कहां है और किस हाल में है...

कहां हैं निर्भया कांड का नाबालिग आरोपी
दरअसल, आरोपी की सुरक्षा को खतरा होने के चलते उसकी पहचान को आज तक उजागर नहीं किया गया और न ही उसके परिवार के बारे में कोई जानकारी सामने आई. वह उत्तर प्रदेश के बदायूं के एक गांव का रहने वाला है. उसके पिता मानसिक रूप से बीमार हैं. उसके घर में मां-बाप के अलावा दो छोटी बहनें और दो भाई भी हैं. उस नाबालिग शख्स की भी शादी हो गई है और उसकी दोनों बहनों की भी शादी हो चुकी है.

दिल्ली-एनसीआर के एक बड़े एनजीओ ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नाबालिग शख्स इस वक्त दक्षिण के एक बड़े शहर में रह रहा है. रिहाई के दौरान दिल्ली सरकार ने उसे 10 हजार रुपए दिए थे ताकि वह टेलरिंग का काम शुरू कर सके. इसके अलावा उसे अन्य संगठनों ने भी मदद पहुंचाई थी और सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई थीं. एनजीओ ने कहा कि शख्स ने अब दूसरा काम शुरू कर दिया है.