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Nirav Modi: भगौड़ा नीरव मोदी लंदन हाईकोर्ट से झटका, 55 करोड़ में बिकेगा आलीशान बंगला

Nirav Modi: लंदन के हाई कोर्ट ने भगौड़ा नीरव मोदी के आलीशान बंगले को बेचने का आदेश दिया है. इस बंगले को 5.25 मिलियन ब्रिटिश पोंड (करीब 55 करोड़ रुपये) से कम पर नहीं बेचा जा सकता है.

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Edited By: India Daily Live
Nirav Modi

Nirav Modi: लंदन उच्च न्यायालय ने बुधवार को नीरव मोदी के आलीशान अपार्टमेंट को बेचने की अनुमति दी है. इस बंगले को 5.25 मिलियन पोंड (करीब 55 करोड़ रुपये) में बेचा जाएगा. नीरव मोदी का यह आलीशान बंगला सेंट्रल लंदन के मैरीलबोन में स्थित है. 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले और मनी लांड्रिंग केस में नीरव मोदी आरोपी है. भारत की जांच एजेंसियां ईडी और सीबीआई ने नीरव मोदी पर कई मुकदमा दर्ज किये है और उसे वापस भारत लाने की कोशिशों में जुटी हुई है. 

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मास्टर जेम्स ब्राइटवेल ने कहा कि ये कोई सामान्य मामला नहीं है. इस प्रॉपर्टी को 52.5 लाख पाउंड में बेचने की मंजूरी देने का फैसला सही है. नीरव मोदी ने साल 2017 में ये फ्लैट एक ट्रस्ट के नाम कर दिया था. ये ट्रस्ट नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और उनके परिवार का है. जिसके बाद इस फ्लैट पर मालिकाना हक नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी का है. लेकिन ईडी ने कोर्ट को बताया कि इसके बावजूद इसका असल लाभार्थी नीरव मोदी ही है. 

जानें ED ने लंदन की कोर्ट में क्या दी दलीलें? 

ईडी की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने तर्क दिया कि नीरव मोदी पीएनवी घोटाले के अभियुक्त है और उसने घोटाले के पैसे से ही यह बंगला खरीदा है, इसलिए ट्रस्ट की देनदारियों के बाद बंगले से प्राप्त शेष रकम को एक सुरक्षित खाते में रख दिया जाए ताकि नीरव मोदी से पीएनबी के पैसे को वसूला जा सके. कोर्ट ने हरीश साल्वे की इस मांग को मान लिया. जब ईडी ने लंदन की अदालत में संपत्ति के सटीक स्वामित्व और बिक्री पर अपनी दलीलों को रखा तो नीरव मोदी ने यह स्वीकार कर लिया कि यह पूर्वी नहीं, बल्कि उसने खुद ही संपत्ति खरीदी था.

कानूनी अड़चन की वजह से नहीं हो पाया प्रत्यर्पण

नीरव मोदी 2019 से यूके की जेल में है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के आरोपों के आधार पर प्रत्यर्पण वारंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था. 2021 में ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में न्यायाधीश सैम गूज़ी के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था लेकिन कानूनी अड़चन की वजह से  उसका भारत में अभी तक प्रत्यर्पण नहीं हुआ है.