राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 10 अप्रैल को दिल्ली की एक विशेष अदालत में बताया कि उन्हें संदेह है कि तहव्वुर राणा, जो 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है. जिसने भारत के कई शहरों में 26/11 जैसी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की प्लानिंग बनाई थी. हालांकि, इस मामले में तहव्वुर राणा को अदालत ने 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.
कोर्ट के आदेश और पूछताछ की रणनीति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली की स्पेशल कोर्ट के जज चंदर जीत सिंह ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि तहव्वुर राणा की हर 24 घंटे में मेडिकल जांच की जाए और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि राणा सिर्फ सॉफ्ट-टिप पेन का उपयोग कर सकता है और वकील से मुलाकात एनआईए अधिकारियों की उपस्थिति में, सुनने योग्य दूरी पर होनी चाहिए.
17 साल पुरानी साजिश की परतें खोलने की तैयारी में जुटी NIA
एनआईए के मुताबिक, राणा की हिरासत इसलिए आवश्यक है ताकि 17 साल पुरानी साजिश की कड़ियों को जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा,' हमें शक है कि मुंबई हमलों में इस्तेमाल की गई रणनीति का उपयोग अन्य शहरों में भी करने की प्लानिंग थी. इसीलिए जरूरी है कि उसे उन लोकेशनों पर ले जाकर पूछताछ की जाए, जहां ये घटनाएं या योजनाएं बनी थीं,” सूत्रों के अनुसार एनआईए ने अदालत को यह जानकारी दी.
एनआईए की मौजूदगी और अगली कार्रवाई
तहव्वुर राणा को अदालत में पेश किए जाने के समय एनआईए के दो डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG), एक इंस्पेक्टर जनरल (IG) और दिल्ली पुलिस के पांच डीसीपी भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे. एनआईए ने कहा कि हिरासत की इस अवधि में राणा से गहन पूछताछ कर 2008 के हमलों की पूरी साजिश को उजागर किया जाएगा. उस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे.