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India Daily

'अल्लाह हू अकबर' का नारा लगाने वाले पहलगाम जिप लाइन ऑपरेटर का नारा नेचुरल था, NIA के सूत्रों ने किया बड़ा दावा

Pahalgam zip line operator: न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी के स्पोक पर्सन मोहम्मद इकबाल ने कहा कि इस तरह की घटना के दौरान अल्लाह का नाम जुबां पर आना कश्मीरवालों के लिए स्वाभाविक है. 

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Edited By: Gyanendra Tiwari
NIA sources said Pahalgam zip line operator chanting Allahu Akbar natural reaction
Courtesy: Social Media

Pahalgam Terror Attack Zip Line Operator: पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही NIA के सूत्रों ने बताया कि जिप लाइन ऑपरेटर द्वारा आतंकी हमले के दौरान लगाए गए 'अल्लाह हू अकबर' के नारे नेचुरल हैं. दरअसल, इस आतंकी हमले का एक वीडियो सामने आया था. वीडियो में वह ऋषि भट्ट नाम के पर्यटक को जब जिपलाइन पर छोड़ रहा था तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी और उसने तीन बार 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाए. उस दौरान वीडियो बना रहे ऋषि भट्ट ने ध्यान नहीं दिया लेकिन जब उन्होंने घर आकर ध्यान से वीडियो देखा तो वह चौंक गए. लेकिन अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जिप लाइन ऑपरेटर मुजम्मिल द्वारा लागए गए अल्लाह हू अकबर के नारे स्वाभाविक थे. ऋषि भट्ट ने वीडियो शेयर किया तो पहलगाम आतंकी हमले में एक नया मोड़ आया. सोशल मीडिया पर जिप लाइन ऑपरेटर का यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. ऋषि भट्ट ने वीडियो में देखा कि जैसे ही ऑपरेटर ने उन्हें जिपलाइन पर छोड़ा उसके बाद उसने तीन बार सिर हिलाकर अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए. 

NIA के सूत्रों का बड़ा दावा 

जब ऋषि भट्ट जिप लाइन पर थे तभी आतंकी ताबड़तोड़ गोलियां चला रहे थें और मासूम पर्यटकों को मार रहे थे. NIA के सूत्रों ने इंडिया टूडे को बताया कि 'जिप ऑपरेटर द्वारा लगाए गए जैसे हिंदू लोग शॉक में हे राम कहते हैं उसी तरह जिप लाइन ऑपरेटर ने भी शॉक में नेचरुल तरीके से अल्लहा हू अकबर कहा.

सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में इस आतंकी हमले मुंजम्मिल का कोई सीधा रोल नहीं नजर आ रहा है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक जिप लाइन ऑपरेटर ने अपना बयान तब जब बदल दिया जब उससे पूछा गया कि ऋषि के छोड़ने के बाद फायरिंग क्यों हुई. 

"यह हमारे लिए स्वाभाविक है"

उन्होंने आगे कहा, "वो हमारे कल्चर के बारे में कुछ नहीं जानते. जब भी कोई आपदा आती है तो हर एक कश्मीरी अल्लाह हू अकबर कहता है. इस तरह की दुखद घटनाओं के दौरान हम अल्लाह को याद करते हैं. यह सबकुछ नाकामी को छिपाने के लिए किया गया. पुलिस ओर सुरक्षाबलों को अपना सिस्टम चेंज करना पड़ेगा. इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है और आम कश्मीरी हमेशा चिल्लाएगा, बिस्मिल्लाह, अल्लाहु अकबर, अगर कुछ होता है. उन्हें हर चीज के बारे में गलत जानकारी दी जाती है."