लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई; NIA ने तीन राज्यों में कुर्क की चार संपत्तियां
NIA ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के ऑर्गनाइज क्राइम सिंडिकेट के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में आपराधिक नेटवर्क को फैलाया.
Lawrence Bishnoi Gang: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को कुख्यांत गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में लॉरेंस के गैंग के गुर्गों की चार संपत्तियां कुर्क की हैं. इनमें यूपी की राजधानी लखनऊ में एक फ्लैट भी शामिल है. एनआईए की ओर से कहा गया है कि गैंग के गुर्गों ने ये संपत्तियां अपराध और आतंक के जरिए इकट्ठा की थीं. इन्हीं संपत्तियों को एनआईए ने 1967 एक्ट के तहत कब्जे में लिया है.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में NIA ने की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियों में फ्लैट-77/4, आश्रय-1, सुलभ आवास योजना, सेक्टर-1, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) शामिल है. ये संपत्ति लॉरेंस के गिर्गे विकास सिंह से जुड़ी हुई है. इसके अलावा दो संपत्तियां गांव बिशनपुरा, फाजिल्का (पंजाब) में स्थित हैं, जो आरोपी दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के नाम से हैं. वहीं दो संपत्तियां यमुनानगर (हरियाणा) में जोगिंदर सिंह के नाम पर हैं. इनमें एक फॉर्च्यूनर कार भी जब्त की गई है.
एनआईए की जांच के अनुसार विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा है, जिसने पंजाब पुलिस के हेडक्वार्टर पर आरपीजी हमला किया था. साथ ही आतंकवादियों को अपने यहां पनाह देने का भी आरोप है. जोगिंदर सिंह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी गैंगस्टर काला राणा का पिता हैं. जोगिंदर सिंह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद को लाने-ले जाने के लिए अपनी फॉर्च्यूनर कार का इस्तेमाल करके गिरोह की मदद करता था.
एनआईए ने लॉरेंस गैंग के खिलाफ दर्ज किया था UAPA का केस
आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियारों को इकट्ठा करने और उन्हें छुपाने के लिए गोदाम के रूप में किया जाता था. इसके अलावा गिरोह के सदस्य यहां शरण भी लेते थे. NIA ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के ऑर्गनाइज क्राइम सिंडिकेट के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में आपराधिक नेटवर्क को फैलाया.
ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में भी शामिल था. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा व्यापारियों से बड़े पैमाने पर वसूली भी इनके अपराधों में शामिल हैं. NIA की जांच में यह भी पता चला है कि इनमें से कई आतंकी साजिशें पाकिस्तान और कनाडा समेत अन्य विदेशों से रची गई थी. कुछ भारत में प्लान हुई थीं.