हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक बड़ी घटना सामने आई है, जहां पहाड़ से चट्टान टूटकर गिरने के कारण एक नवनिर्मित पुल का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. यह हादसा चंबा-भरमौर मार्ग पर जनजातीय क्षेत्र उरई की सामरा ग्राम पंचायत में रनुह कोठी को जोड़ने वाले पुल पर हुआ. भारी भूस्खलन के चलते बड़े-बड़े पत्थर पुल पर गिरे, जिससे यह बुरी तरह प्रभावित हुआ और क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई.
कोई हताहत नहीं
हिमाचल में बड़ा हादसा, पहाड़ से टूटकर गिरी चट्टान, पुल टूटा। चंबा-भरमौर के उरई की सामरा ग्राम पंचायत में रनुह कोठी को जोड़ने वाले पुल का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त। आवाजाही बंद।#chamba #HimachalPradesh #landslaide pic.twitter.com/o561M7PIP6
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) March 15, 2025
मौके पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीमें
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं. अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और मलबा हटाने के साथ-साथ मार्ग को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लेकिन भूस्खलन के कारण पहाड़ से लगातार मलबा गिरने की आशंका को देखते हुए काम में सावधानी बरती जा रही है. प्रशासन ने लोगों से प्रभावित क्षेत्र से दूर रहने और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है.
दूरदराज के गांवों के लिए यह पुल एकमात्र संपर्क साधन था पुल
चंबा-भरमौर मार्ग हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण रास्ता है. इस मार्ग पर यातायात बंद होने से न केवल स्थानीय लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई है, बल्कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी देरी हो सकती है. रनुह कोठी जैसे दूरदराज के गांवों के लिए यह पुल एकमात्र संपर्क साधन था, और इसके टूटने से ग्रामीणों को वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी पड़ रही है, जो लंबे और मुश्किल हैं.
भूस्खलन का खतरा
हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं मानसून के बाद भी आम रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में बदलाव, भूकंपीय गतिविधियां और प्राकृतिक क्षरण इस तरह की घटनाओं के प्रमुख कारण हो सकते हैं. इस हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में बुनियादी ढांचे की मजबूती और सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं.