अब यूपी विधानसभा में नहीं ले जा सकेंगे फोन... पोस्टर-बैनर पर भी रोक, विधायकों पर लगी ये पाबंदियां
UP Assembly New Rule: उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के दौरान शामिल होने के लिए विधायकों को अब नए नियमावली का पालन करना होगा. इस नई नियमावली के तहत सदन के अंदर विधायक अब मोबाइल फोन ले जा सकेंगे और न ही झंडे, प्रतीक या कोई वस्तु प्रदर्शित कर पायेंगे.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के दौरान शामिल होने के लिए विधायकों को अब नए नियमावली का पालन करना होगा. इस नई नियमावली के तहत सदन के अंदर विधायक अब मोबाइल फोन ले जा सकेंगे और न ही झंडे, प्रतीक या कोई वस्तु प्रदर्शित कर पायेंगे. सदन में अब विधायकों के आचरण और व्यवहार को देखते हुए नई नियमावली पेश की गई है. बुधवार को इस नियमावली पर चर्चा होने की संभावना है. नए नियमों के लागू होने के बाद विधानसभा के नजारे में बदलाव देखने को मिलेगा
यूपी विधानसभा में जल्द लागू होंगे नए नियम
विधायकों को सदन के अंदर फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी
बहस के दौरान विधायक किसी कागज को नहीं फाड़ सकेंगे
स्पीकर की तरफ़ पीठ करके ना खड़े होना और ना पीठ करके बैठना है
विधायक सदन में न हथियार ला सकेंगे और ना ही इसे दिखा सकेंगे
विधायक झंडे या बैनर भी सदन में नहीं दिखा सकेंगे
सदन के अंदर किताब, प्रेस की टिप्पणी या पर्ची ले जाने की अनुमित नहीं होगी
दस्तावेज फाड़ने की नहीं होगी अनुमति
इस नए नियमावली के तहत सदन के अंदर किसी भी विधायकों को दस्तावेज फाड़ने की अनुमति नहीं होगी. समाचार एजेंसी पीटीआई को विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सोमवार को विधानसभा में नए नियमावली को पेश कर दिया गया है और बुधवार को इस पर चर्चा होगी. उन्होंने आगे कहा कि नए नियमावली को पारित होने के बाद विधानसभा में कई बदलाव देखने को मिलेगा.
ये भी पढ़ें: नूंह हिंसा का रोहिंग्या कनेक्शन आया सामने, धरे गए 2 आरोपी, 2 हजारो लोगों के आधार कार्ड की होगी जांच
अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जा सकेंगे विधायक
नए नियमावली में विधायकों के आचरण को लेकर कई नियम शामिल है. सदन में विरोध-प्रदर्शन के लिए विधायक बैनर, पोस्टर या झंडे नहीं ले जा सकेंगे. इसके अलावा सदन में विधायकों को मोबाइल, शस्त्र ले जाने की भी इजाजत नहीं होगी. नए नियमावली के तहत किसी बात को कहने या विरोध करने के लिए विधायक अध्यक्ष के आसन के पास भी नहीं जा सकेंगे.
सत्र संचालन के नियम में भी बदलाव
नई नियमावली के लागू होने के बाद में सत्र के संचालन को लेकर भी कई बदलाव किए जाएंगे. मौजूदा समय में सत्र बुलाने के लिए 15 दिन पहले नोटिस दी जाती है लेकिन अब ये समय 7 दिन का होगा.
ये भी पढ़ें: 'अरे बैठ नीचे...', संसद में नारायण राणे के बयान पर घमासान, आम आदमी पार्टी और उद्धव गुट की सांसद ने बोला हमला