क्या है नया हिट एंड रन कानून, ट्रक और बस ड्राइवर क्यों कर रहे हैं इसका विरोध
New Hit-and-Run Law: आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ा दी गई है, जिसके चलते देश भर में ट्रक और बस चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया है. सजा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों के साथ-साथ ऑटो चालकों ने भी मोर्चा खोल दिया है.
New Hit-and-Run Law: आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ा दी गई है, जिसके चलते देश भर में ट्रक और बस चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया है. दरअसल, हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है. सजा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों के साथ-साथ ऑटो चालकों ने भी मोर्चा खोल दिया है.
बस, ट्रक चालकों का प्रदर्शन
सजा की अवधि को बढ़ाए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ट्रक और बस चालकों ने कहा कि अगर कोहरे के चलते कोई दुर्घटना होती है तो बिना किसी गलती के ड्राइवरों को 10 साल की सजा होगी. ड्राइवरों का कहना है कि दुर्घटनाओं होने के बाद अगर वह वहां रुकते हैं तो स्थानीय लोगों से उन्हें खतरा होता है इसलिए वह किसी अधिकारी को सूचना देने के बजाए वहां से भागने की कोशिश करते हैं.
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने तुगलकी फरमान बताया
ऑल इंडिया मोटर एवं गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने इस नए कानून को एक तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि इस कानून को बनाने से पहले ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का सुझाव नहीं लिया गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी हादसे में गलती हमेशा बड़ी गाड़ी वाले की ही मानी जाती है, और सड़क दुर्घटना के बाद ट्रक और बस ड्राइवर को पीट भी दिया जाता है, अब ऐसे में ड्राइवर तो अपनी जान बचाएगा ही.
नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं ड्राइवर
अब सभी ड्राइवर नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि इससे अच्छा हम मजदूरी ही कर ले. 10 साल की सजा होगी और 7 लाख राशि देनी होगी, एक ड्राइवर अब कहां से इतना पैसा लाएगा. उन्होंने आगे कहा कि ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सभी मुख्य पदाधिकारी 2 जनवरी 2024 को एक वर्चुअल मीटिंग करेंगे. अगर सरकार कोई हेल्पलाइन नंबर जारी कर देती है. जिसमें सड़क दुर्घटना के बाद ड्राइवर या उसका मालिक दुर्घटना की जानकारी दे तो उसपर ये कानून लागू न हो.