NEET UG Exam: नीट-यूजी पेपर लीक के बीच केंद्र सरकार अगले साल से परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने की संभावना पर विचार कर रहा है. ये खबर तब आई है, जब एग्जाम के बारे में पेपर लीक की खबरें है, जिसके कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, एक दर्जन से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, सीबीआई जांच हो रही है, कई अदालती सुनवाई हो रही है और अब संसद में गतिरोध चल रहा है.
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने NEET को ऑनलाइन मोड में बदलने के सुझावों का विरोध किया था. लेकिन आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन या जेईई एडवांस्ड की तरह ऑनलाइन एग्जाम को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह में बुलाई गई कम से कम तीन हाई लेवल मीटिंग में इस पर चर्चा की गई.
2018 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि 2019 से NEET ऑनलाइन और साल में दो बार आयोजित किया जाएगा. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से औपचारिक परामर्श के बिना इसकी घोषणा पर आपत्ति जताए जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय को ये निर्णय वापस लेना पड़ा. स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता ये थी कि ऑनलाइन टेस्ट से गरीब और ग्रामीण छात्रों को नुकसान होगा.
हालांकि, एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा था कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से कई छात्र हैं जो जेईई मेन और जेईई (एडवांस्ड) के लिए ऑनलाइन एग्जाम देते हैं, तो फिर ग्रामीण क्षेत्रों से NEET उम्मीदवारों के लिए ये समस्या क्यों होनी चाहिए? सूत्रों ने बताया कि ऑनलाइन मोड पर स्विच करने का अंतिम फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को लेना है. NMC के सूत्रों ने ये भी माना कि ऑनलाइन परीक्षा एक गंभीर विकल्प है.
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस साल 24 लाख उम्मीदवार NEET-UG के लिए उपस्थित हुए... अगर हम ऑनलाइन परीक्षा लेते हैं, तो परीक्षा कई शिफ्टों और दिनों में आयोजित करनी होगी. ऑनलाइन परीक्षा में लगभग 1.5 लाख से 2 लाख उम्मीदवार एक शिफ्ट में उपस्थित हो सकते हैं.
अधिकारी ने कहा कि NEET एग्जाम के रिजल्ट के लिए हमें अलग-अलग दिनों में कई शिफ्ट करने की आवश्यकता होगी. जैसा कि हम JEE मेन के रिजल्ट जारी करने में होता है. फिलहाल, जेईई दो फेज में आयोजित किया जाता है, पहला- एनटीए की ओर से जेईई मेन और दूसरा- आईआईटी की ओर से जेईई एडवांस. इस साल, जेईई मेन के दोनों सत्रों में कुल 8.22 लाख उम्मीदवार शामिल हुए, जबकि 1.8 लाख ने एडवांस लिया.
जेईई एग्जाम के लिए पूरी प्रक्रिया में शामिल एक प्रोफेसर ऑनलाइन एग्जाम की सफलता में दो कारणों को जिम्मेदार मानते हैं, पहला, ये पूरी तरह से कंप्यूटर बेस्ड है, और दूसरा, जेईई एडवांस पर आईआईटी का पूर्ण नियंत्रण है. एक आईआईटी प्रोफेसर ने कहा कि प्रोसेस की कमजोरी इसमें शामिल लोगों की संख्या पर निर्भर करती है. इसमें शामिल लोगों की संख्या जितनी अधिक होगी, सिस्टम के साथ समझौता होने का जोखिम उतना ही अधिक होगा. आईआईटी इस बात का पूरा ध्यान रखती है कि इसमें कम लोग शामिल हों. साथ ही, ये लोग हर साल बदलते रहते हैं.