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India Daily

चेन्नई में NEET के दबाव ने ली छात्रा की जान, DMK के दावों पर उठ रहे सवाल; क्या मौत की वजह है सरकार?

NEET Student Suicide: विपक्षी एडीएमके के महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने एक और नीट अभ्यर्थी की मौत को बेहद चौंकाने वाला बताया और डीएमके के चुनावी वादों पर गंभीर सवाल उठाए.

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Edited By: Ritu Sharma
NEET Student Suicide
Courtesy: Social Media

NEET Student Suicide: चेन्नई में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही 21 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक, वह पिछले चार प्रयासों में सफल नहीं हो पाई थी, जिससे वह तनाव में थी और परीक्षा को लेकर डरी हुई थी.

लगातार असफलता से तनाव में थी छात्रा

बता दें कि छात्रा 4 मई को होने वाली परीक्षा की तैयारी कर रही थी और कोचिंग क्लास भी ले रही थी. परीक्षा से पहले उसने अपने संघर्ष के बारे में माता-पिता को बताया था, लेकिन उन्होंने उसे आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है. उसके पिता चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर किलाम्बक्कम में बेकरी चला रहे थे. शुक्रवार को छात्रा ने दिनभर अपने पिता की बेकरी में समय बिताया और फिर घर लौट गई. कुछ देर बाद उसकी मां ने उसे मृत पाया.

नीट आत्महत्या पर विपक्ष का वार

वहीं एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने इस घटना को 'चौंकाने वाला' बताते हुए सत्तारूढ़ DMK पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ''क्या डीएमके, जिसने चुनाव से पहले झूठा दावा किया था कि सत्ता में आते ही तमिलनाडु में NEET को खत्म कर देगी, अब भी छात्रों की आत्महत्या को लेकर चिंतित नहीं है?''

पलानीस्वामी ने सितंबर 2019 से अब तक NEET परीक्षा से जुड़ी आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से जवाब मांगा. उन्होंने उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि NEET को खत्म करने का रहस्य सिर्फ उनकी पार्टी जानती है.

NEET छूट विधेयक पर क्या है विवाद?

बताते चले कि 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने राज्य को NEET से छूट देने के लिए एक विधेयक पारित किया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर इसे रोकने का आरोप लगाया था, क्योंकि राज्यपाल आरएन रवि ने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया था.

इसको लेकर DMK का कहना है कि NEET परीक्षा सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इससे वंचित वर्गों के छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. पार्टी ने परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों का हवाला देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है. वहीं, भाजपा ने NEET का समर्थन करते हुए इसे 'योग्यता आधारित' परीक्षा बताया है.