टैक्स न भरने पर NDMC की बड़ी कार्रवाई, सीज की 13 प्रॉपर्टीज

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान न करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया है जिसके दौरान पिछले तीन दिनों में कनॉट प्लेस में 13 प्रॉपर्टीयां जब्त की हैं.

NDMC Seized 13 Properties: नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान न करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया है जिसके दौरान पिछले तीन दिनों में कनॉट प्लेस में 13 प्रॉपर्टीयां जब्त की हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन प्रॉपर्टीयों में ब्लॉक ए, बी, डी और ई में स्थित आउटलेट्स और स्टोर्स शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया, "सभी डिफॉल्टर्स को बकाया राशि के भुगतान करने का नोटिस दिया गया था. अगर एक महीने के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो NDMC अधिनियम की धारा 100 (1) के तहत उनकी प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई." 

इस कार्रवाई के बाद इनमें से पांच प्रॉपर्टी मालिकों ने बकाया राशि के तौर पर 6 करोड़ रुपये जमा कराए. अधिकारी ने आगे बताया, "जब तक वो 31 मार्च तक अपने सभी बकाया भुगतान को लेकर कोई आश्वासन लिखित तौर पर नहीं देते हैं, तब तक इन इन प्रॉपर्टीयों को डी-अटैच नहीं किया जाएगा." 

दुकानों से मांगा जा रहा ज्यादा टैक्स- अतुल भार्गव

नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख अतुल भार्गव ने दावा किया कि नगर निगम दुकानों पर बहुत ज्यादा टैक्स मांग रहा है. उन्होंने कहा, "उन्होंने कई दुकानों से करोड़ों रुपये की भारी रकम की मांग की. जिस तरह से इन मांगों की कैलकुलेशन की गई है वो निराधार है. हमें पिछले साल फरवरी और मार्च में भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था." 

इस दावे पर, अधिकारी ने कहा कि डिफॉल्टर को अगर यह चेक करना है कि गणना कैसे की गई है तो इसके लिए रिकॉर्ड देख सकते हैं. नई दिल्ली क्षेत्र में 15,600 प्रॉपर्टीयां हैं, जिनका प्रॉपर्टी टैक्स के लिए इवैल्यूएशन किया जाता है. इनमें से लगभग 1,600 सरकारी प्रॉपर्टीयां हैं और 14,000 निजी हैं. इसके अलावा, 1,000 प्रॉपर्टीयों को टैक्स से छूट दी गई है. 

NDMC ने की 3,200 डिफॉल्टरों की पहचान:

NDMC के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में अब तक उसने 3,200 डिफॉल्टरों की पहचान की है, जिन पर 200 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है. नगर निगम का टारगेट इस वित्तीय वर्ष में 1,150 करोड़ रुपये इक्ट्ठा करना है, जबकि पिछले साल 1,030 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.

NDMC के नियमों के तहत, डिफॉल्टरों को 30 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, उसके बाद रिमाइंडर भेजे जाते हैं. अगर इस दौरान कोई जवाब या भुगतान नहीं होता है तो फिर परिषद कार्रवाई कर सकती है, जैसे कि प्रॉपर्टी कुर्क करना, सील करना या खाता कुर्क करना.