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India Daily

'NDA आत्मसमर्पण किया हुआ गठबंधन... मोदी और अमित शाह के सामने...', शिवसेना का करारा हमला

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने BJP पर जमकर निशाना साधा है. प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी का गठबंधन मजबूरी का गठबंधन है क्योंकि हर कोई जानता है कि वे तभी जीत सकते हैं जब वे किसी भी तरह के अत्याचार का समर्थन करेंगे.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
 Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi

हाइलाइट्स

  • शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का NDA पर बड़ा हमला
  • 'बीजेपी का गठबंधन मजबूरी का गठबंधन'

नई दिल्ली: शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने BJP पर जमकर निशाना साधा है. प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी का गठबंधन मजबूरी का गठबंधन है क्योंकि हर कोई जानता है कि वे तभी जीत सकते हैं जब वे किसी भी तरह के अत्याचार का समर्थन करेंगे. बीजेपी ने देश, लोकतंत्र और संविधान को दरकिनार कर दिया है और बाकी सभी पार्टियों को भी पता है कि पीएम मोदी और अमित शाह के सामने वो कुछ बोल नहीं पाएंगे, कोई फैसला नहीं ले पाएंगे और ना ही अपना पक्ष रख पाएंगे, इसलिए उन्होंने सरेंडर कर दिया है. यह एक आत्मसमर्पण किया हुआ गठबंधन है.

इंडिया गठबंधन में सीट-बंटवारे को दिया जा रहा अंतिम रूप

वहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने 26 दलों के इंडिया गठबंधन की लोकतांत्रिक तरीके की तारीफ की. इंडिया गठबंधन 26 पार्टियों का गठबंधन है. उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. यह चर्चा का विषय है. मुझे उम्मीद है कि इस पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा और हम सभी लोग देश के संविधान और देश की जनता के लिए इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे और इसमें जीत हासिल करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही भारत का राजनीतिक परिदृश्य एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है. इंडिया गठबंधन NDA गठबंधन को चुनौती देने के लिए कमर कस रहा है. इंडिया गठबंधन सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है. 

सीट शेयरिंग फॉर्मूले और पीएम पर सस्पेंस बरकरार

इंडिया गठबंधन को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उनमें सीट शेयरिंग फॉर्मूले के साथ-साथ पीएम के चेहरे पर विपक्षी दलों को भरोसे में लेते हुए सर्वानुमती बनाना है. बीते दिनों इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया. सीएम ममता बनर्जी और केजरीवाल की तरफ से पीएम चेहरे के तौर पर नाम प्रस्तावित किये जाने के बाद खड़गे ने साफ तौर पर इंकार करते हुए बड़ा सियासी दांव चला है. अब देखना यह दिलचस्प होता जा रहा है कि इंडिया गठबंधन किसी रणनीति के साथ आगे बढ़ती है.