Haryana Political Crisis: नायब सिंह सैनी होंगे हरियाणा के 19वें मुख्यमंत्री, जानें क्यों बने पहली पसंद?
Haryana Politics: हरियाणा में भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन के टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी का चुनाव किया गया. सैनी आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
Haryana Politics: हरियाणा में भाजपा-जजपा के बीच गठबंधन के टूटने और मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद आशंका जताई जा रही थी कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होगा. हुआ भी ऐसा ही. दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में चंडीगढ़ में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर मुहर लग गई. आइए, जानते हैं कि नायब सिंह सैनी कौन हैं और क्यों वे मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की पहली पसंद बने.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार के बाद मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले खट्टर ने राजभवन में बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीट-बंटवारे के समझौते पर पहुंचने में विफलता के बाद भाजपा और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के बीच चार सालों से चला आ रहा गठबंधन खत्म हो गया.
गठबंधन टूटने के बाद भी भाजपा ने जादुईं आंकड़े का किया दावा
JJP के गठबंधन तोड़ने के बावजूद BJP का दावा है कि उसके पास सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा है. वर्तमान में, 90 सदस्यों वाले हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं, जबकि जेजेपी के 10 विधायक हैं. पूर्व की मनोहर लाल खट्टर सरकार को राज्य के 7 में से 6 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है.
कौन हैं नायब सिंह सैनी, क्यों बने पार्टी की पहली पसंद?
नायब सिंह सैनी के नाम पर विधायक दल की मुहर के बाद ये सवाल कि आखिर नायब सिंह सैनी कैसे हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री के लिए भाजपा की पहली पसंद बन गए. दरअसल, भाजपा का पिछले कुछ समय से ओबीसी वोटर्स को ध्यान में रखकर एक के बाद एक फैसले ले रही है. नायब सिंह सैनी भी ओबीसी समुदाय से आते हैं. फिलहाल, वे कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं. नायब सिंह सैनी को पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
नायब सिंह सैनी ने 1996 में भाजपा से अपनी राजनीतिक जर्नी शुरू की थी. तब उन्हें संगठन में रहकर काम करने का मौका मिला. साल 2000 तक नायब सिंह सैनी ने हरियाणा भाजपा के महासचिव के साथ काम किया. काम के आधार पर नायब सिंह सैनी को प्रमोट भी किया गया. साल 2002 में उन्हें अंबाला में भाजपा युवा विंग के जिला महासचिव की भूमिका सौंप दी गई. इसके बाद 2005 में उन्हें अंबाला में जिला अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.
हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा समेत कई अन्य पदों पर रहे
भाजपा के प्रति नायब सिंह सैनी के समर्पण के चलते उन्हें 2009 में हरियाणा में भाजपा किसान मोर्चा के राज्य महासचिव की जिम्मेदारी दी गई. फिर करीब तीन साल बाद यानी 2012 में अंबाला भाजपा के जिला अध्यक्ष पर का कार्यभार सौंपा गया. इसके अलावा भी पार्टी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी.
नायब सिंह का राजनीतिक करियर तब आगे बढ़ा जब उन्हें 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा सीट से उन्होंने चुनाव जीता. इसके बाद 2016 में उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया. 2019 के लोकसभा चुनावों में, नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को 3.83 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया.
2014 में पहली बार विधायक बने और मंत्री रहे सैनी को मनोहर लाल खट्टर का विश्वासपात्र भी माना जाता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी और जातिगत गणनाओं ने लोकसभा सांसद को हरियाणा भाजपा प्रमुख के पद तक पहुंचा दिया. हरियाणा में सैनी जाति की आबादी लगभग 8% मानी जाती है और कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवारी जिलों में अच्छी खासी उपस्थिति है.
Also Read
- Haryana Politics Live: हरियाणा में टूटा BJP-JJP गठबंधन, मनोहर लाल खट्टर ने दिया इस्तीफा, नायब सैनी होंगे अगले CM
- Farmers Protest: रेल रोको आंदोलन से कितनी रुकी जिंदगी, जानें हरियाणा-पंजाब-राजस्थान में कितना पड़ा असर?
- Lok Sabha Elections 2024: हरियाणा के हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने दिया इस्तीफा, ज्वाइन किया कांग्रेस