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नक्सली से विधायक और फिर मंत्री बनने तक का सफर, जानें तेलंगाना की नई मंत्री सीताक्का की कहानी

Naxalite Turned Politician: तेलंगाना में गठित नई कांग्रेस सरकार में दो महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है. इनमें से एक महिला विधायक सीताक्का की कहानी बिल्कुल फिल्मी है. मुलुग सीट से चुनी गईं महिला विधायक सीताक्का राजनीति में आने से पहले नक्सलियों के समूह में रहीं.

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Edited By: Purushottam Kumar
seethakka

हाइलाइट्स

  • मुलुग सीट से विधायक बनी हैं सीताक्का
  • साल 2009 में हुई थी राजनीति में एंट्री

Naxalite Turned Politician: तेलंगाना में गठित नई कांग्रेस सरकार में दो महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है. इनमें से एक महिला विधायक सीताक्का की कहानी बिल्कुल फिल्मी है. मुलुग सीट से चुनी गईं महिला विधायक सीताक्का राजनीति में आने से पहले नक्सलियों के समूह में रहीं. इस दौरान उन्होंने अपने भाई और पति को भी खोया. आपको बताते चलें आदिवासी नेता के रूप में अपनी पहचान रखने वाली सीताक्का का नाम मुख्यमंत्री के रेस में भी शामिल था. 

नक्सलियों के साथ जुड़ीं, भाई-पति को खोया

साल 1988 में सीताक्का ने दसवीं की पढ़ाई के बाद नक्सलियों के साथ जुड़ीं और कमांडर भी बनीं. सीताक्का के साथ नक्सलवाद में शामिल उनके पिता और भाई की मौत पुलिस मुठभेड़ के दौरान हो गई और फिर चंद्रबाबू की सरकार में उन्होंने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की ठानी. मुख्यधारा में लौटने के बाद उन्होंने खुद को आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया. इसके बाद वह आदिवासियों में लोकप्रिय हो गईं

2009 में हुई राजनीति में एंट्री

नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौटने और आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करने के बाद साल 2009 में सीताक्का की एंट्री राजनीति में हुई. साल 2009 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के टिकट पर विधानसभा चुनाव उतरीं और मुलुग सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. बाद में तेलंगाना बनने के बाद टीडीपी को छोड़कर उन्होंने रेवंत रेड्डी के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया.