नई दिल्लीः देश की राजधानी नई दिल्ली में नेवी के शीर्ष कमांडरों का तीन दिवसीय सम्मेलन चल रहा है. इस सम्मेलन में एक ओर समुद्री बलों की भूमिका और उसकी जिम्मदारियों पर चर्चा की जा रही है वहीं वार्डरूम और अधिकारियों के मेस के साथ-साथ उनके कर्मियों और परिवार के द्वारा पहने जाने वाली पश्चिमी पोशाकों के साथ ही भारतीय पारंपरिक पोशाकों को भी अनुमति देने पर चर्चा की जा सकती है. नेवी के सूत्रों ने इस बारे में जानाकारी दी है.
भारतीय पोशाकों को पहनने की अनुमित नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, आजादी के इतने सालों के बाद भी सुरक्षा बलों में कई ब्रिटिश परंपराओं का पालन अब भी किया जा रहा है. इस बल में शामिल कर्मियों को भारतीय पारंपरिक पोशाक पहनने की अनुमति देना भी उनमें से एक है. सूत्रों के मुताबिक, इसे पुरानी और औपनिवेशिक प्रथाओं को खत्म करने के लिए नेवी की एक पहल के रूप में देखा जा रहा है.
औपनिवेशिक प्रथाओं को खत्म करने की बात
यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब पीएम मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में औपनिवेशिक शासन की सभी प्रथाओं को खत्म करने की बात कही थी.यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है.
टॉप अफसर रहे शामिल
सोमवार से शुरु हुए तीन दिन के कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और इससे जुडे़ तमाम बड़े अधिकारी शामिल हुए थे. यह सम्मलेन ऐसे समय हो रहा है जब देश में कुछ दिनों के भीतर ही जी 20 देशों के प्रतिनिधि भाग लेने के लिए भारत आ रहे हैं.
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