नई दिल्ली: देश के शीर्ष नियामक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने रजिस्टर्ड डॉक्टरों के पेशेवर आचरण के लिए गाइडलाइन जारी की है.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि यदि मरीज या उनके परिवार के सदस्य हिंसक, अपमानजनक या अभद्र व्यवहार करते हैं तो डॉक्टर मरीज का इलाज करने से मना कर सकते हैं. दिशानिर्देश के अनुसार, ऐसे रोगियों को इलाज के लिए कहीं और भेजा जाना चाहिए.
भुगतान करने से मना करने पर इलाज से इंकार कर सकते हैं डॉक्टर
इसके अलावा यदि मरीज का परिवार भुगतान करने से मना करता है तो भी डॉक्टर इलाज करने से मना कर सकते हैं. हालांकि गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि परामर्श शुल्क या किसी भी प्रकार के खर्च के बारे में मरीज को पहले ही अवगत कराया जाना चाहिए.
आपात स्थिति में करना होगा इलाज
गाइडलाइन के अनुसार आपात स्थिति में डॉक्टर मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकते. इसके अलावा डॉक्टर जाति, लिंग, नस्ल, आर्थिक या सांस्कृतित आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते.
प्रिसक्रिप्शन में लिखनी होंगी केवल जेनेरिक दवाएं
इसके, अलावा डॉक्टरों से बड़े अक्षरों में प्रिसक्रिप्शन लिखने और केवल जेनेरिक दवाएं लिखने को कहा गया है, इसके अलावा डॉक्टरों को लोगों को जन औषधि केंद्रों और अन्य जेनेरिक दवा दुकानों से दवाएं खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है.
सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकते मरीज का डाटा
इसके अलावा गाइडलाइन में डॉक्टरों से मरीजों से संबंधित ऐसा कोई भी डाटा सोशल मीडिया पर न डालने को कहा गया है जो मरीज की गोपनीयता का उल्लंघन करता हो.
फार्मेसी से न लें कमिशन
इसके अलावा गाइडलाइंस में कहा गया है कि डॉक्टरों या उनके परिवारों को फार्मास्युटिकल कंपनियों, उनके प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों, चिकित्सा उपकरण कंपनियों से कोई उपहार, सुविधाएं या कमिशन नहीं लेना चाहिए.
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