National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस ने इस समय देश में राजनीतिक गतिरोध खड़ा कर दिया है. ईडी ने इस केस को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इसके अलावा चार्जशीट में सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का भी नाम शामिल है. यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए लेन-देन से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस ईडी के एक्शन से भड़क गई है. उसने कहा कि वह देशभर के ईडी के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगी.
ED की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. यह केस पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है.”
‘यह परिवार देश के लिए बलिदान दे चुका है’
केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा, “बीजेपी यह भूल गई है कि गांधी परिवार ने देश के लिए खून बहाया है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और इस तरह की सस्ती राजनीति हमें डराने की बजाय हमारे इरादों को और मजबूत करेगी.”
कांग्रेस ने एलान किया है कि 16 अप्रैल 2025 को पूरे देश में ED कार्यालयों के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा. पार्टी ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है और कहा है कि वह सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र की रक्षा करेगी.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
यह मामला AJL और यंग इंडियन कंपनी के बीच संपत्तियों के हस्तांतरण से जुड़ा है. ED के अनुसार, यंग इंडियन, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है, ने लगभग ₹2,000 करोड़ की संपत्तियाँ मात्र ₹50 लाख में हासिल कर लीं.
एजेंसी का आरोप है कि इन संपत्तियों का इस्तेमाल “अपराधिक कमाई” के लिए किया गया, जिसमें फर्जी डोनेशन ₹18 करोड़, नकली एडवांस किराया ₹38 करोड़ और झूठे विज्ञापन आय ₹29 करोड़ शामिल हैं.