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'तूने मुझे बुलाया शेरावालिये...' कटरा में वैष्णों माता की भक्ति में लीन हुए फारूक अब्दुल्ला ने गाया भजन, देखें Video

Farooq Abdullah: फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में कटरा के एक आश्रम में आयोजित भजन कार्यक्रम के दौरान माता शेरावाली को समर्पित भजन गाया. उनके द्वारा गाया गया भजन "तूने मुझे बुलाया शेरावालिये, मैं आया मैं आया शेरावालिये" सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.

Farooq Abdullah
Courtesy: ANI

Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में कटरा के एक आश्रम में आयोजित भजन कार्यक्रम के दौरान माता शेरावाली को समर्पित भजन गाया. उनके द्वारा गाया गया भजन "तूने मुझे बुलाया शेरावालिये, मैं आया मैं आया शेरावालिये" सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. 87 वर्षीय अब्दुल्ला की इस प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया और कार्यक्रम में मौजूद लोग झूम उठे.

इस मौके पर फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में चल रहे रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोगों के विरोध का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि माता के मंदिर से जुड़े प्रबंधन को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए, जिनसे स्थानीय लोगों के हितों को नुकसान पहुंचे या उनकी समस्याएं बढ़ें. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह रोपवे परियोजना बिना शहर के हितों को ध्यान में रखे शुरू की गई है.

फारूक अबदुल्ला ने गाया गाना देखें वीडियो

दरअसल, कटरा में नए प्रोजेक्ट के तहत रोपवे परियोजना की शुरूआत की गई है और इसी का स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी का समर्थन करने के लिए अबदुल्ला भी पहुंचे. वहां पर पहुंचते ही वे माता की भक्ति में लीन हो गए और उनका भजन गाने लगे. फारूक द्वारा "तूने मुझे बुलाया शेरावालिये, मैं आया मैं आया शेरावालिये" गाना गाते ही वहां पर मौजूद सभी झूमने लगे और उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरे फारूक अबदुल्ला

उन्होंने स्थानीय लोगों की हिम्मत की सराहना करते हुए कहा, "आपने इस प्रोजेक्ट को रोकने के लिए साहस और दृढ़ता दिखाई. इससे यह साबित हुआ है कि असली ताकत जनता के पास है, न कि सरकार के पास. अब अधिकारियों को यह समझ में आ गया है और वे आपसे विचार-विमर्श कर रहे हैं कि रोपवे कहां बनना चाहिए."

फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि कटरा के पहाड़ों में रहने वाले लोग माता रानी के आशीर्वाद से अपनी आजीविका चलाते हैं, लेकिन उन्हें भुला दिया गया है. उन्होंने कहा, "वे सोचते हैं कि वे सब कुछ हैं, लेकिन असल में वे कुछ भी नहीं हैं. जब ईश्वर की शक्ति का प्रभाव होता है, तो बाकी सब महत्वहीन हो जाता है. आप देखिए कि कैलिफोर्निया में क्या हो रहा है." अपने संबोधन में अब्दुल्ला ने सभी धर्मों की समानता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का मूल संदेश एक ही है, लेकिन लोग अक्सर स्वार्थी उद्देश्यों के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं। उनके ये विचार धर्म और सांप्रदायिक सौहार्द के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं.