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India Daily

हिंदू धर्म में शंकराचार्यों के योगदान पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने उठाए सवाल, बोले- 'मंदिर राजनीति नहीं धर्म पर बना..'

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आयी है. नारायण राणे ने बड़ा बयान देते हुए कहा शंकराचार्य अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीति चश्मे से देख रहे है. शंकराचार्यों को हिंदू धर्म में अपने योगदान के बारे भी बताना चाहिए.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Narayan Rane

हाइलाइट्स

  • हिंदू धर्म में शंकराचार्यों के योगदान पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने उठाए सवाल
  • रामलला प्राण प्रतिष्ठा में 2 शकंराचार्य ने हिस्सा लेने से किया इनकार 

नई दिल्ली: अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण शंकराचार्यों की ओर से ठुकराये जाने को लेकर सियासत तेज हो चली है. विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष की ओर से तमाम तरह के बयान सामने आ रहे है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आयी है. नारायण राणे ने बड़ा बयान देते हुए कहा "शंकराचार्य इस मामले को राजनीति चश्मे से देख रहे है. शंकराचार्यों को हिंदू धर्म में अपने योगदान के बारे भी बताना चाहिए. अब तक कोई भी ऐसा नहीं कर पाया था. मोदी और बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया और लंबे संघर्ष के बाद मंदिर बना है. इन सबके बाद उन्हें मंदिर के लिए मंगल कामना करनी चाहिए या इसकी आलोचना करनी चाहिए? यह मंदिर राजनीति पर नहीं बल्कि धर्म पर बना है. राम हमारे भगवान हैं."

रामलला प्राण प्रतिष्ठा में 2 शकंराचार्य ने हिस्सा लेने से किया इनकार 

22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा में 2 शकंराचार्य ने हिस्सा लेने से मना कर दिया है. पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और उत्तराखण्ड के बद्रिकाश्रम में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया है. इनका मानना है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा समारोह हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार नहीं किया जा रहा है. राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुए बिना भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करना सनातन धर्म के नियमों का पहला उल्लंघन है. 

श्रृंगेरी और शारदा मठ के शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा का किया स्वागत 

वहीं श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य जगद्गुरु भारती और शारदा मठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत किया है. दो शंकराचार्यों स्वामी भारती कृष्णा और स्वामी सदानंद सरस्वती ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा बनने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. ऐसे में इस बात पर संशय बना हुआ है कि क्या ये दोनों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा क्रार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का मुहूर्त

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्‍याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्‍य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.