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नारायण मूर्ति के बयान से संसद में मचा बवाल, 70 घंटे काम को लेकर केंद्र सरकार ने दिया जवाब

सोमवार को संसद में तीन विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा शेयर किए गए सप्ताह में 70 घंटे काम के विचार पर सरकार का रुख जानने के बारे में सवाल किए थे.

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Edited By: Antriksh Singh
Infosis Co-Founder Narayan Murthy

हाइलाइट्स

  • विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर का मुद्दा संसद में उठाया
  • केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने दिया जवाब

सोमवार को संसद में तीन विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा शेयर किए गए सप्ताह में 70 घंटे काम के विचार पर सरकार का रुख जानने के बारे में सवाल किए थे. जिस पर केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने दिया जवाब.

 बता दें कि देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस (Infosis) के को-फाउंडर नारायण मूर्ति पिछले महीने दिए गए अपने सप्ताह में 70 घंटे काम के विचार से काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं. ऐसा हो भी क्यों ना, जिस देश में सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट संस्थानों  में भी 8 से 9 घंटे का वर्किंग कल्चर है, वहां पर हर रोज करीब 12 घंटे काम करने के लिए कहा जाए तो यह हैरान करने की बात ही होगी. पूरे देश में चर्चा का विषय बना यह मुद्दा अब संसद में भी पहुंच गया है और सरकार ने इस पर अपनी राय भी साफ कर दी है.

सांसदो ने क्या मुद्दा उठाया 

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में सोमवार को तीन विपक्षी सांसदों कांग्रेस के कोमाटी वेंकट रेड्डी, भारत राष्ट्र के समिति के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी और वाईएसआरसीपी नेता कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मू्र्ति द्वारा शेयर किए गए सप्ताह में 70 घंटे काम  के विचार को लेकर संसद में यह मुद्दा उठाया था और पुछा था कि क्या सरकार प्रतिस्पर्धी बनाने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए इंफोसिस को-फाउंडर के प्रस्ताव  का मुल्यांकन कर रही है? 

 इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्र श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा है कि हफ्ते में 70 घंटे काम करने से संबंधित ऐसा किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. 

नारायण मूर्ति ने दीं और भी सलाह

बता दें एनआर मूर्ति ने ना केवल 70 घंटे काम की सलाह दी थी. बल्कि उन्होंने बैंगलुरु में टेक समिट 2023 के 26वें संस्करण में अपने और भी विचार वयक्त किए थे जिनमें से एक है की कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मै फ्री सर्विसेज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और सब्सिडी का लाभ उठाने वाले लोगों को समाज की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए. 

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