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फिर सुर्खियों में आए नारायण मूर्ति, बोले- "मुफ्त में कुछ भी नहीं दिया जाना चाहिए, मैं भी गरीब था"

Narayan Murthy:अब एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसी ही बयान दे दिया, जिसके बाद उनकी चर्चा होने लगी है. दरअसल, नारायण मूर्ति ने बेंगलुरु टेक समिट 2023 के 26वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए. 

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Edited By: Gyanendra Tiwari
narayana murthy

हाइलाइट्स

  • नारायण मूर्ति बोले फ्री में कुछ नहीं देना चाहिए
  • बेंगलुरु टेक समिट के 26वें संस्करण को किया संबोधित

Narayana Murthy: सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. बीते दिनों उन्होंने भारत के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी, जिसके बाद उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक खूब चर्चा हुई थी. अब एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसी ही बयान दे दिया, जिसके बाद उनकी चर्चा होने लगी है. दरअसल, नारायण मूर्ति ने बेंगलुरु टेक समिट के 26वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए. 

समाज की भलाई में दें योगदान

फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति  बेंगलुरु टेक समिट 2023 के 26वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो फ्री में फ्री में दी जाने वाली सेवाओं के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन जो लोग फ्री में सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, सब्सिडी पा रहे हैं उन्हें समाज की भलाई के लिए कुछ योगदान देना चाहिए.
मैं भी गरीब था-   नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति ने बयान देते हुए कहा, मैं मुफ्त में सेवाएं देने के खिलाफ नहीं हूं क्योंकि एक समय मैं भी गरीब था. लेकिन जिन्हे सब्सिडी मिलती है वो अपनी भावी पीढ़ी को, अपने पोते-पोतियों को स्कूल जाने के मामले में अपना प्रदर्शन सुधाकर थोड़ी बहुत जिम्मेदारी उठा सकते हैं. 

नारायण मूर्ति ने भारत की गरीबी को खत्म करने के लिए उपाय देते हुए कहा कि मुक्त बाजार और उद्यमिता के दोहरे स्तंभों पर आधारित पूंजीवाद किसी देश की गरीबी खत्म करने का एकमात्र समाधान है.

चीन का अध्ययन करने की सलाह

कार्यक्रम में उन्होंने भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़ाने को लेकर कहा आगे कहा कि हमारे राजनीतिक दिग्गजों को चीन का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए. क्योंकि हमारे जैसी समस्या चीन में भी थी और वो हमसे तेजी के साथ विकसित हो गए. इसलिए मैं अपने राजनीतिक नेताओं से आग्रह करूंगा कि वो चीन का अध्ययन करें और अच्छी चीजों को भारत में लागू करें. 

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