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'बुरा न मानो होली है', नाना पटोले ने अजित पवार और एकनाथ शिंदे को MVA में आने का दिया न्यौता, महायुति होगी बेरंग?

Nana Patole to Ajit Pawar Eknath Shinde to Join MVA: उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे और पवार पहले राज्य के विकास के पक्षधर थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रभाव में आकर उन्होंने सच को तोड़-मरोड़कर पेश करना शुरू कर दिया.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Nana Patole to Ajit Pawar Eknath Shinde to Join MVA bura na mano holi hai BJP Devendra Fadnavis
Courtesy: IDL

Nana Patole to Ajit Pawar Eknath Shinde to Join MVA: महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को नागपुर में होली की शुभकामनाएं देते हुए चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्रियों, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को खुला निमंत्रण दिया कि अगर वे देवेंद्र फडणवीस की नेतृत्व से तंग आ चुके हैं तो वे कांग्रेस के साथ मिलकर एक नई सरकार बना सकते हैं.

'बुरा न मानो होली है' कहकर दिया ऑफर

पटोले ने यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में दिया, और इसे 'बुरा न मानो होली है' के संदर्भ में बताया. उनका कहना था कि अगर शिंदे और पवार को फडणवीस की नीतियों से परेशानियां आ रही हैं, तो कांग्रेस उनका स्वागत करने के लिए तैयार है. पटोले ने कहा, "मैंने हल्के अंदाज में यह कहा था कि बुरा न मानो होली है, लेकिन अगर शिंदे और पवार साथ आना चाहते हैं तो हम उन्हें खुले दिल से अपनाएंगे."

यह बयान महाराष्ट्र की मौजूदा महायुति सरकार के अंदर जारी तनावों को लेकर एक संकेत था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फडणवीस और उनके दो उपमुख्यमंत्रियों के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं. पटोले ने आरोप लगाया कि फडणवीस जनता से झूठ बोल रहे हैं और उनकी नीतियां राज्य के विकास के लिए हानिकारक हैं.

कांग्रेस बोली सहयोग देने के लिए हैं तैयार

पटोले ने कहा कि अगर शिंदे और पवार के बीच किसी भी तरह का तनाव बढ़ता है, तो कांग्रेस उन्हें सहयोग देने के लिए तैयार है. इस बयान से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस आगामी राजनीतिक बदलाव में एक अहम भूमिका निभाने की इच्छुक है, अगर महायुति के भीतर दरारें और गहरी होती हैं.

सीएम फडणवीस पर बोला हमला

पटोले ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए फडणवीस पर भी हमला किया और उन्हें झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि फडणवीस लगातार झूठ बोल रहे हैं और यह जनता को गुमराह कर रहे हैं. पटोले का यह बयान महायुति के भीतर की राजनीतिक स्थिति को उजागर करता है, जहां अंदरूनी संघर्ष और असहमति देखने को मिल रही है.