Nagpur Violence Updates: सोमवार को नागपुर शहर में माहौल तनावपूर्ण हो गया. कुछ इलाकों में आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसके चलते कई स्कूलों और कॉलेजों ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टी घोषित कर दी. स्कूल और कॉलेज प्रशासन ने यह फैसला शहर में हुई हिंसा को देखते हुए लिया. जिला प्रशासन ने भी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय स्थिति के आधार पर स्कूल खोलने या बंद करने का निर्णय लें.
सुबह स्कूल और कॉलेजों ग्रुपों में छुट्टी की जानकारी भेजी गई, जिससे कई छात्र स्कूल जाने के लिए घर से निकले लेकिन बस स्टॉप से ही वापस लौट आए. हालांकि, शिक्षकों के लिए स्कूल खुले रखे गए. महल क्षेत्र के कुछ कॉलेजों ने भी छात्रों को सूचित कर दिया कि कक्षाएं नहीं होंगी.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग करते हुए सोमवार सुबह नागपुर के महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई और प्रदर्शनकारियों पर मुस्लिम प्रतीकों के अपमान का आरोप लगाया.
शाम को शहर में अफवाहें फैलने लगीं, जिससे महल इलाके में तनाव बढ़ गया. चिटनीस पार्क के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया, वाहनों को नुकसान पहुंचाया और आगजनी की. इस दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड के कुछ कर्मचारी भी घायल हो गए. हालात काबू में करने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी और देर रात तक कई गिरफ्तारियां हुईं.
सुबह 11:30 बजे: विहिप और बजरंग दल ने खुल्ताबाद में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
दोपहर: प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब के हरे कपड़े में लिपटे पुतले को जलाने का वीडियो वायरल हुआ.
शाम 3:30 से 4:00 बजे: मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग गणेशपेठ पुलिस थाने पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
शाम 5:00 से 6:00 बजे: करीब 500-600 मुस्लिम लोग फिर से पुलिस थाने पहुंचे और कानूनी कार्रवाई की मांग की.
शाम 7:00 बजे: महल के गांधी गेट के पास भीड़ जमा होने लगी, जिसके बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी.
रात 8:00 बजे: चिटनीस पार्क इलाके में पत्थरबाजी शुरू हुई.
रात 8:30 बजे: शिर्के स्ट्रीट पर वाहनों में तोड़फोड़ की गई.
रात 9:00 बजे: चिटनीस पार्क में आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'हम राज्य में औरंगजेब की मजार का महिमामंडन नहीं होने देंगे. अगर कोई ऐसा प्रयास करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 50 साल पहले इसे संरक्षित स्थल घोषित किया था, इसलिए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों की है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें उस व्यक्ति की कब्र की रक्षा करनी पड़ रही है, जिसने हजारों निर्दोष लोगों की हत्या की थी.' फिलहाल शहर में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है.