Nagpur Violence: नागपुर में औरंगजेब के मकबरे को लेकर हुए विवाद के बाद से शहर में स्थिति को काबू करने के लिए कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग के बाद उत्पन्न तनाव के कारण प्रशासन अलर्ट मोड पर है. राज्य पुलिस द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, कर्फ्यू की यह व्यवस्था कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू की गई है और यह आगे की सूचना तक जारी रहेगी.
नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंदर कुमार सिंगल के आदेशानुसार, कर्फ्यू को कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्कर्डा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर जैसे पुलिस थानों की सीमाओं में लागू किया गया है. इस हिंसा में अब तक 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और लगभग 65 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
Nagpur (Maharashtra) violence | Curfew has been imposed in the Police station limits of Kotwali, Ganeshpeth, Lakadganj, Pachpaoali, Shantinagar, Sakkardara, Nandanvan, Imamwada, Yashodhara Nagar and Kapil Nagar in Nagpur city. This curfew will remain in force until further… pic.twitter.com/N3CqzKcMv1
— ANI (@ANI) March 17, 2025
कर्फ्यू के दौरान, किसी भी व्यक्ति को बिना मेडिकल कारण के घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा, एक ही स्थान पर पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं. आदेश में यह भी कहा गया है कि अफवाह फैलाने या किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट्स के अनुसार, 17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के लगभग 200 से 250 सदस्य नागपुर के महल क्षेत्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास एकत्र हुए थे. उन्होंने औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की और इसके समर्थन में कई प्रकार के प्रतीकात्मक प्रदर्शन किए, जिसमें गाय के गोबर से भरी हरी चादर भी शामिल थी.
नागपुर में भल्दरपुरा इलाके में रात के समय लगभग 80-100 लोग इकट्ठा हुए, जिससे तनाव और बढ़ गया. इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को डराया, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था को भी प्रभावित किया. इसके बाद प्रशासन ने कर्फ्यू की घोषणा की और लोगों को घरों में रहने का आदेश दिया.
हिंसा और आगजनी
नागपुर के हंसरपुरी इलाके में हिंसा भड़क उठी, जब अज्ञात व्यक्तियों ने दुकानों को तोड़ा, गाड़ियों को आग लगाई और पत्थरबाजी की. यह घटना पहले से बढ़े तनाव का परिणाम थी, जो महल क्षेत्र में दो समूहों के बीच संघर्ष के बाद हुआ.
यह घटना तब और बढ़ गई, जब यह अफवाह फैली कि एक धार्मिक संगठन द्वारा औरंगजेब के मकबरे को हटाने के लिए किए गए प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक को जलाया गया था. इसके बाद नागपुर में कई स्थानों पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं सामने आईं. पुलिस ने महल क्षेत्र में ऑपरेशन चलाकर 15 लोगों को गिरफ्तार किया.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था के पतन का आरोप लगाया है.